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खलारी- खलारी पंचायत अंतगर्त हुटाप मोड़ के ग्रामीण विगत 70 वर्षों से सड़क के बिना अपना जीवन काट रहे हैं. सौ से ज्यादा घरो की बस्ती है. और 500 से ज्यादा लोग इस बस्ती में रहा करते हैं. इस रास्ते से जनता हाई स्कूल, आदर्श स्कूल, राजकीयकृत मध्य विद्यालय, एसीसी स्कूल तथा उर्सुलाइन कॉन्वेंट के स्कूली बच्चे काफी तादाद में आया-जाया करते हैं. इसके अलावे सैकड़ों की संख्या में आसपास की ग्रमीणों का भी आना-जाना पैदल लगा रहता है. इसके बाबजूद आजतक सड़क का निर्माण नहीं हो सका है. हुटाप मोड़ बस्ती के ग्रमीणों ने बताया कि आंगन बाड़ी से लेकर जमरुद्दीन का घर तक 600 मीटर की कच्ची सड़क है.जिसे ग्रामीणों ने खुद से कुदाल-बेलचा से पगडंडी को बनाया है जो की कच्ची सड़क के रूप में है जिसे प्रत्येक वर्ष चलने लायक सड़क को मरम्त करना पड़ता हैं. जबकि यह कच्चा मार्ग सोना डूबी नदी के रास्ते मैकलुस्कीगंज मुख्य सकड़ से जोड़ती है. दशकों से ग्रामीण बिना सड़क के ही रहते आ रहे हैं. बरसात के दिनों में यह मार्ग नारकीय हो जाता है, जिसके कारण घर से निकलना मुश्किल हो जाता है.
ग्रामीणों ने बताया कि 1950 ई0 के पहले का यह बस्ती है. जबकि झारखंड अलग के बाद तीन बार की मुखिया चुनाव में प्रत्येक बार जीत आए पंचायत के प्रतिनिधियों को मौखिक और लिखित तौर पर सड़क नव-निर्माण का मांग किया गया. इसके अलावे जनता दरबार में भी सड़क बनाने का गुहार लगाया पर इस बीच सिर्फ आशवासन हीं मिला, सड़क नहीं बन पाया.
ग्रामीणों ने बताया कि शादी-विवाह, कारोबार और आवश्यक कार्यक्रम में सड़क के बिना काफी परेशानी होती है. साथ ही बाहर से आए हित-कुटुंब लोग यहां शादी-विवाह करने से कतराते है. इस दौरान हुटाप मोड़ बस्ती के ग्रमीणों ने पक्की सड़क नवनिर्माण की मांग को लेकर, पंचायत की मुखिया व प्रतिनिधियों और बीडीओ से गुहार लगाया है. इस बीच सलामत अंसारी, मुबारक अंसारी, जमरुद्दीन अंसारी, मंगरा गंझू, शफीक अंसारी, दिलीप लोहरा, श्रवण गंझू, रियाजुल अंसारी, दीपक लोहरा, प्रदीप लोहरा, राज अंसारी, रंजीत लोहरा, कफूरा खातून, सबाना बेगम, मुन्नी देवी, सजिदा खातून, सावित्री देवी, सुको देवी, आशा देवी सहित कई लोग मौजूद थे.
Reporter
(परवेज आलम)