रिपोर्ट – मनोज शर्मा
फोटो – एनुल
धनबाद। नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्याकांड में सोमवार को आरोपियों का सफाई बयान दर्ज नहीं हो पाया। मामले में नामजद आरोपी झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह की ओर से वरीय अधिवक्ता पंकज प्रसाद, देवी शरण सिन्हा और मोहम्मद जावेद ने आवेदन देकर कहा कि निचली अदालत द्वारा पारित आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। इसलिए हाईकोर्ट के आदेश आने तक उन्हें समय प्रदान किया जाय। जिस पर अदालत ने उन्हें 15 दिनों की मोहलत दी है।
सोमवार को मुकदमा में आरोपियों का सफाई बयान दर्ज किया जाना था। लिहाजा अदालत में सभी आरोपियों को स्वस्थ शरीर पेश करने का आदेश जिला प्रशासन को दिया था। कोर्ट के आदेश के आलोक में पूर्व विधायक संजीव सिंह समेत सभी आरोपियों को सशरीर कड़ी सुरक्षा में कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान अमन सिंह ने हाथ जोड़कर न्यायाधीश से कहा कि तिवारी ने उसे धमकी दी है। सरकार के लोग हैं। मेरी सुरक्षा की जाए। कोर्ट ने इस पर उसे पूर्ण सुरक्षा का आश्वासन दिया।
आइओ ने हर्ष सिंह से धमकी दिलाई, फुटेज और सीडीआर की मांग
अमन सिंह के आवेदन पर दलील देते हुए उनके अधिवक्ता कुमार मनीष ने कहा कि 31 जनवरी की रात चाईबासा जेल में कांड के अनुसंधानक निरंजन तिवारी व एसएसपी द्वारा कांड के अमन को धमकी दिलाई गई है। हर्ष सिंह से अमन सिंह की बात कराई गई और धमकी दिलाई गई।इस कारण जेल में लगे सीसीटीवी फुटेज व निरंजन तिवारी के मोबाइल सीडीआर को पेश करने का आदेश दिया जाए। जिस पर न्यायाधीश अखिलेश कुमार तिवारी की अदालत ने अभियोजन को 2 दिनों में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।सुबह 11 बजे से ही डटे हुए थे अभिषेक और संजीव सिंह समर्थक
सोमवार की सुबह 11 बजे से ही कोर्ट परिसर में समर्थक भारी संख्या में कांड के सूचक झरिया विधायक पूर्णिमा सिंह के देवर अभिषेक सिंह समर्थकों के साथ पहुंचे। वहीं दूसरी ओर संजीव सिंह समर्थक भी मोर्चा संभाले हुए थे। सुनवाई के दौरान संजीव, डबलू मिश्रा ,धनजी सिंह संजय सिंह को धनबाद, शूटर अमन सिंह को चाईबासा जेल, शिबू उर्फ सागर को जमशेदपुर के घाघीडीह जेल, सोनू उर्फ कुर्बान को मेदनीनगर जेल, सतीश उर्फ रोहित उर्फ चंदन को दुमका जेल एवं मास्टरमाइंड पंकज सिंह को हजारीबाग सेंट्रल जेल से लाकर अदालत में पेश किया गया। मार्च 2020 में कोरोना काल शुरू होने के बाद धनबाद कोर्ट में संजीव सिंह की पहली पेशी थी। उनसे मिलने के लिए समर्थक पहुंचे थे।
21 मार्च 2017 की शाम स्टील गेट के सामने हुई थी हत्या
21 मार्च 2017 के संध्या 7 बजे नीरज सिंह अपने काले रंग की फॉच्यूनर कार जेएच 10 एआर 4500 से सरायढ़ेला स्थित अपने आवास रघुकुल लौट रहे थे। वह ड्राईवर के साथ आगे सीट पर बैठे थे। पीछे के सीट पर उनका सहायक सरायढ़ेला न्यू कॉलोनी निवासी अशोक यादव और दो निजी अंगरक्षक मुन्ना तिवारी बैठे थे। स्टील गेट के पास बने स्पीड ब्रेकर पर नीरज की गाड़ी की रफ्तार कम होते ही दो बाईक पर सवार कम से कम 4 हमलावरों ने उनकी कार पर गोलियों की बरसात कर हत्या कर दी थी।