आवाज लाइव स्पेशल – मरणोपरांत भी इस बाल वैज्ञानिक ने किया झरिया का नाम गौरवान्वित

597 0

झरिया: झरिया थाना क्षेत्र के भालगड़ा टीनाधोड़ा के रहने वाले आमोद सिंह जो कि एक सिक्यूरिटी गार्ड है। उन्हें अपनी बेटी अंकिता पर गर्व महसूस होता है भले ही अंकिता आज हमारे बीच नही है लेकिन वर्ष 2019 में उसके द्वारा बनाया गया मल्टीपर्पस चूल्हा को भारत सरकार की ओर से अंकित के  पिता याने की आमोद सिंह के नाम से पेटेंट कराया जा रहा है। आपको बता दे कि वर्ष 2019 में इंस्पायर अवार्ड राष्ट्रीय स्तर प्रतियोगिता में मल्टीपर्पस चूल्हा बनाकर देशभर में छाने वाली झरिया की अंकिता भले ही आज हमसबों के बीच नही है.

मई 2019 मे उसकी आकस्मिक निधन हो गई थी।उसके बावजूद एक बार फिर आज अंकिता चर्चा में है। 2019 फरवरी में आईआईटी दिल्ली में आयोजित इंस्पायर अवार्ड मानक स्कीम प्रोजेक्ट प्रदर्शनी में केसी बालिका उवि झरिया की नौवीं कक्षा की छात्रा अंकिता के मॉडल को पुरस्कृत किया गया था। इसके बाद मार्च में अहमदाबाद में आयोजित कार्यक्रम में अंकिता समेत अन्य चयनित बाल वैज्ञानिकों से राष्ट्रपति ने भेंट भी की थी। भारत सरकार की ओर से अंकिता के नाम मल्टीपर्पस चूल्हा का पेटेंट कराया जा रहा है।

राष्ट्रीय स्तर पर जनोपयोग के लिए उसे विकसित किया जा रहा है। भारत सरकार को इसकी जानकारी होने के बाद अब उक्त मॉडल का पेटेंट यानी की अविष्कारक का नाम अंकिता के पिता अमोद कुमार सिंह के नाम से कराने का निर्णय लिया गया है। नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन के प्रतिनिधि बुधवार को धनबाद पहुंचे थे और अंकिता के पिता अमोद कुमार सिंह के हस्ताक्षर समेत अन्य प्रक्रिया पूरी की।

वही केसी बालिका उच्च विद्यालय की प्रधानाध्यापक सह प्रभारी ललिता कुमारी ने बताया कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हमारे विद्यालय की एक होनहार छात्रा ने यह मुकाम हासिल किया है साथ ही विद्यालय में पढ़ने वाली दूसरी छात्राओं को भी प्रेरित करने का काम अंकित ने किया है।

अंकित की गाइड टीचर अर्चना कुमारी ने भी अंकिता द्वारा हासिल इस मुकाम पर खुसी जाहिर करते हुए कहा कि भले ही आज अंकिता हमलोगों के बीच नही लेकिन उसने जो काम किया वो सराहनीय है। वह बहुत मेधावी छात्रा थी, किसी भी चीज को जानने हैं और समझने की उसमें गजब की ललक थी.

वह बिहार के किसी गांव की रहने वाली थी और अक्सर कहा करती थी कि यहां तो गैस आदि की व्यवस्था है लेकिन गांव में लोग लकड़ी के चूल्हे पर खाना बनाते हैं, इसलिए उसे इसका कोई वैकल्पिक रास्ता ढूंढना है और ढूंढते -ढूंढते वह मल्टीपर्पस चूल्हा बनाई ,जिसका राष्ट्रीय स्तर पर बहुत नाम हुआ.

Spread the love

Awaz Live

Awaz Live Hindi Editorial Team members are listed below:

Related Post

झारखंड इंजीनियर के लिए नौकरी के लिए इंटरव्यू 10 अक्टूबर से शुरू होगा

Posted by - September 30, 2022 0
रांची । Jharkhand Assistant Engineer Appointment संयुक्त सहायक अभियंता (असैनिक/यांत्रिक) प्रतियोगिता परीक्षा के तहत शेष अभ्यर्थियों का साक्षात्कार 10 अक्टूबर…

BCCL सीएमडी की धर्मपत्नी ने प्रशिक्षण प्राप्त महिलाओं, बच्चियों को दिया प्रमाण पत्र, बढ़ाया हौसला

Posted by - July 6, 2022 0
लोयाबाद : बुधबार को सिजुआ स्थित अतिथि गृह में दीक्षा महिला मंडल के अंतर्गत प्रज्वला महिला समिति द्वारा 24 सिलाई…

कतरास के पुराने जर्जर मकानो में मौत का खौफ ना जाने कब जिंदगी को फना कर दे, खंडहरनुमा मार्केट कभी भी हो सकती है धराशाही

Posted by - August 28, 2021 0
रिपोर्ट- राम पांडेय कतरास। कतरास में हर पल हादसे की आशंका और मौत का खौफ। पता हीं नहीं कब कौनसी…

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *