रिपोर्ट- राम पांडेय
कतरास। कतरास में हर पल हादसे की आशंका और मौत का खौफ। पता हीं नहीं कब कौनसी इमारत गिरकर जिंदगी को फना कर दे। लेकिन न तो जिम्मेदारों को परवाह और न ही इमारत के रखवालों को। कतरास में सालो पुरानी जर्जर होते सरकारी और प्राइवेट भवनों को लेकर प्रशासन बेखबर है।
बरसात शुरू हो चुकी है और ऐसे में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। गुरुवार को भगत मोहल्ला में चार मंजिला मकान के ढहने की हादसे से लोगों को हिला कर रख दिया है।।आवाज लाइव।। हाल ही में हुई बारिश में कई मकानों दुकानो की दीवारें तक गिर चुकी हैं और लोग घायल भी हुए हैं।
लेकिन इन सब के बावजूद भी ना तो अधिकारियों को ओर ना ही मकान मालिकों को इस मौत की भवन पर ध्यान है। कतरास सब्जी मंडी स्थित माडा कॉलोनी पूरी तरह से जर्जर हो गई है बरसात में सभी आवासों में छतों से पानी टपकती है।
यहां सैकड़ों की संख्या में सफाई कर्मी रहते हैं। माडा कॉलोनी के रहने वाले लोगों ने बताया कि जब से हम लोग यहां रह रहे हैं तब से माडा की ओर से इस भवन में कभी भी रिपेयर नहीं कराया गया है आलम यह है कि हम लोग बरसात के दिनों में अपने रूम के अंदर जगह-जगह बाल्टी ढेक्ची बर्तन सहित अन्य को लगाकर छत से टपकने वाले पानी को जमा कर बाहर फेंकते हैं
बीच बीच में प्लास्टर टूट टूट कर गिर गया है ना जाने कब हम लोग काल के गाल में समा जाएंगे।।आवाज लाइव विशेष ।।लेकिन विभाग को हमारे इस गंभीर समस्या से कोई सरोकार नहीं।इधर कतरास का प्रसिद्ध मार्केट हनुमान मेंसन जो बड़ी दुर्घटना को आमंत्रण कर रहा है हनुमान मेंसन की पहली मंजिल की बाउंड्री व छत बीच से टूटी पड़ी है जो कभी भी धराशाही हो सकता है साथ ही कई दुकानें है जिसकी स्थिति जर्जर हालत में है।
यहां सैकड़ों की संख्या में रोजाना ग्राहकों का भीड़ मेंसन में खरीदारी करने आते है। ग्राहकों के खरीदारी के दौरान कभी भी अप्रिय घटना घट सकती है। पहले भी कई बार यहां छोटी मोटी घटी है। लेकिन मेंसन के मालिक बिनोद सिंह उर्फ बच्चा सिंह पर इसका कोई असर नही पड़ रहा है। जबकि इस मेंसन के सभी दुकानदारो से लाखों रुपये भाड़ा भी आता है।
बावजूद मरम्मती नही किया जा रहा है। जबकि नगर निगम ने भवन की दुर्दशा को देखते हुए भवन मालिक को दुरुस्त करने की हिदायत दी है लेकिन भवन मालिक रिपेयरिंग के नाम पर केवल खानापूर्ति कर रहे हैं।।।आवाज लाइव विशेष।
वहीं दुर्गा मार्केट सुनैना मेंशन चावड़ा मेंशन सहित अन्य मार्केट का भी कमोबेश भवन जर्जर हालात में है। इन मार्केट में भी कभी भी बड़ी हादसा से इनकार नहीं किया जा सकता है। बात करें भगत मोहल्ला की तो यहां की कई मकान है जो अंतिम सांस गिन रही है। यहां की मकान कभी भी धराशाही हो सकती है। ओर ना जाने कितने को अपने आगोश में ले लेगी।
नदी किनारे इलाहाबाद बैंक के ऑपोजिट संचालित नमन विद्या के नजदीक एक खंडहर नुमा भवन है। इस खंडहर नुमा भवन को पार कर प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में कई छात्र-छात्राएं नमन विद्या में पठन-पाठन करने के लिए जाते हैं साथी यहीं से गुजरकर मोहल्ले के लोग अपने आवास को जाते हैं।
ऐसे में अगर कभी भी भगवान गिरती है तो एक बड़ी घटना हो सकती है। भवन खंडहर होने के कारण रात में असामाजिक तत्वों का अड्डा बना रहता है। साथी ही मानसरोवर गेस्ट हाउस के दूसरी छोर के कुछ दूरी पर स्थित भवन पूरी तरह से टूटी फूटी है छातो की रेलिंग जहां-तहां से टूट कर गिर चुकी है। इस भवन में कई परिवार निवास करते हैं।
कतरास में ऐसे अनगिनत निजी तथा सरकारी भवन है जिनकी स्थिति पूरी तरह से देनीए है भवनों में बड़े बड़े पेड पौधे उग आए हैं कतरास में भवन मौत को दावत दे सकती है। ऐसे में जरूरत है कि नगर निगम व जिला प्रशासन जर्जर भवनों की सूची तैयार कर मकान मालिकों को भवन को दुरुस्त करने का निर्देश दें और जो भवन पूरी तरह से खंडहर हो चुकी है उसे तोड़ने का आदेश जारी करें ताकि भविष्य में कोई घटना ना घंटे