धनबाद : भारतीय मजदूर संघ ने केंद्र सरकार के मजदूर विरोधी नीतियों का कड़ा विरोध किया है। सार्वजनिक क्षेत्र बचाओ देश बचाओ को लेकर 17 नवंबर को दिल्ली के संसद भवन पर रैली की माध्यम से जोरदार प्रदर्शन किया जाएगा जिससे देश की कोने-कोने से लाखों मजदूर किसान की भागीदारी होगी यह बातें भा.म.संघ से सम्बद्ध धनबाद कोलियरी कर्मचारी संघ के महामंत्री सह केंद्रीय सलाहकार समिति के सदस्य रामधारी ने कहीं।
रामधारी ने बताया कि निजीकरण,विनीवेशीकरण, आउटसोर्सिंग पर रोक, वेतन समझौता 11 को अविलंब लागू करने, कोयला उद्योग में नई बहाली करने, ठेका श्रमिकों का 8 घंटा का काम सुनिश्चित कर एच.पी.सी. का वेतन भुगतान करने, सी.पी.आर.एम.एस. चिकित्सा स्कीम को कैशलेस करने, सी.एम.पी.एफ. की समस्या को सुधार करने सहित अन्य मांगों को लेकर केंद्र सरकार के इस नीति के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया जाएगा, जो बी.सी.सी.एल.धनबाद कोयला से ध.को.क.संघ के कार्यकर्त्ता दो हजार से भी अधिक संगठित असंगठित श्रमिकों की भागीदारी इस रैली में होगी।
इस कार्यक्रम की सफलता के लिए 1 से 4 नवंबर को दिवाली लेखन पंमपलेट की माध्यम 5 से 7 नंवबर को सभी कोलियरी में गेट पीट मीटिंग कर जन जागरण की माध्यम से की जाएगी। उन्होंने कहा की यह रैली इतिहासिक होगी।
कोल इंडिया स्तर के यूनियन अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ की 28 Oct को नागपुर में बैठक हुई दिल्ली में भाग लेने वाले रैली में आंकड़े का लेखा जोखा प्रस्तुत किया गया। इस बैठक में महासंघ के महामंत्री सह जे.बी.सी.सी.आई. के सदस्य श्री सुधीर घुरड़े, अध्यक्ष टिकेश्वर सिंह सह सुरक्षा समिति बोर्ड के सदस्य कोल इंडिया की उपस्थिति एवं कोल प्रभारी सह जे. बी.सी.सी.आई. सदस्य लक्ष्मा रेड्डी के द्वारा सभी कंपनियों के महामंत्री से तैयारी की विस्तृत जानकारी ली गई।
रामधारी ने कहा की सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण, विनिवेशीकरण,लाकर कोयले की मजदूरों के अस्तित्व को समाप्त करने पर तुली हुई है, जिसे भारतीय मजदूर संघ बर्दाशत नहीं करेगा। उन्होंने सार्वजनिक बचाओ देश बचाओ की तहत संगठित और असंगठित के सभी कोयले के मजदूर से ज्यादा से ज्यादा संख्या में इस रैली में भाग लेने की अपील की है।