धनबाद। अवैध कोयले पर जिला प्रशासन, पुलिस और खनन विभाग की लगातार हो रही कार्रवाई के बाद जिले के बड़े कोयला तस्कर कुछ दिनों के लिए तस्करी रोकने के बाद एक बार पुनः सक्रीय हो गए हैं। कोयला तस्करों में कुख्यात नाम गोयल, पोद्दार और टुडू सरदार गैंग फिर से एक्टिव हो अब पहले से बड़े पैमाने पर कोयला तस्करी कतरास क्षेत्र में शुरू कर दिया है। गोयल और पोद्दार धर्मा बांध और सोनार डीह कोलियरी से निकलने वाले उच्च क्वालिटी के कोयले पर नजर रख रहे। सूत्रों के अनुसार गोयल और पोद्दार की साझेदारी में प्रतिदिन 80 से 100 ट्रक अवैध कोयले की हेराफेरी कर रहे।
बोकारो, दुबड़ा, यूपी, डिहरी और धनबाद के भट्ठों में खपता है कोयला
सूत्रों के अनुसार गोयल और पोद्दार उच्च क्वालिटी के निकलने वाले आधे से ज्यादा कोयले को वे दुबड़ा, बोकारो और धनबाद के अपने ही हार्डकोक प्लांट में भिजवाते हैं। शेष आधा कोयला यूपी और डिहरी में फर्जी बिल पर भेजवा करोड़ों का सरकार को चपत पहुंचा रहे।
इन जगहों पर अवैध कोयले का दोनों खेल रहे खेल
जानकारी के अनुसार पोद्दार और गोयल का धर्मा बांध, भाट डीह, महुदा, सोनारडीह, कतरास, कुसुंडा, झरिया, पहाड़ी गोडा, गोपालीचक, और ऐना में कोयले का अवैध धंधा बैखोफ चल रहा। इन सभी जगहों से 100 से ज्यादा ट्रक कोयले का अवैध कारोबार संचालित है।
रोहित शर्मा और गणेश पांडे गुट काटता हॉकी जीएसटी बिल
अवैध कोयले का फर्जी जीएसटी बिल काटने का काम 50 से ज्यादा लोग कर 5 प्रतिशत जीएसटी की राशि गबन कर रहे। इन लोगों में दो कुख्यात नाम रोहित शर्मा और गणेश पांडे गिरोह करता है। गोयल और पोद्दार के अवैध कोयले की गाड़ी को लाने ले जाने के लिए फर्जी जीएसटी बिल जारी करते हैं। सूत्रों के अनुसार 100 से 400 रुपये प्रति टन का फर्जी बिल जारी कर सरकार को करोड़ों का चुना लगा रहे।
हमारा कोई कुछ नहीं बिगड़ सकता, सभी लोग बिक चुके हैं
क्षेत्र में यह चर्चा जोरों पर है की गोयल और पोद्दार डंके की चोट पर यह भी कहते फिरता है की उनका कोई कुछ नहीं बिगड़ सकता। सभी को वे लोग उपर से निचे तक खरीद लिए हैं। सभी उनके बिक चुके हैं, इसलिए उनपर कार्रवाई नहीं होती।
मलकेरा में वशिष्ठ, चौबे और ओझा गुट सक्रिय
मालकेरा क्षेत्र में वशिष्ठ, चौबे और ओझा गुट भी सक्रिय हैं। सूत्रों के अनुसार कतरास के मालकेरा में तीनों अपनी अवैध कोयले की बर्चस्व की लड़ाई में अबतक इनका सिक्का नहीं चल पा रहा। ये गुट अपनी बर्चस्व की वापसी के लिए प्रयासरत है।
निरसा में मैनेजर और गोप हुआ एक्टिव, डिपो खुलवाने का ले रहा ठेका
सात माह से पुलिस की पकड़ से दूर चल रहा मैनेजर और गोप निरसा में अवैध कोयला का लाइजनर का काम कर रहा। सूत्रों के अनुसार दोनों निरसा क्षेत्र में अवैध डिपो खोलवाने का मोटी रकम लेकर ठेका ले रहा। मैनेजर के हार्डकोक में कार्रवाई के सात माह बाद पुलिस उसे अबतक पकड़ नहीं पाई। अब वह पुलिस को चुनौती देकर अवैध कोयले की तस्करी में कूद गया है।
बीसीसीएल के कुछ भ्रष्ट अधिकारी की है संलिप्तता
कोयला चोरी में बीसीसीएल के कुछ भ्रष्ट अधिकारी शामिल हैं, जो सरकार से वेतन लेकर अवैध कमाई कर बीसीसीएल को नुकसान पहुंचा रहे। बीसीसीएल के अधिकारियों को ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों को चिन्हित कर कार्रवाई करनी चाहिए। कुछ भ्रष्ट अधिकारियों के कारण बीसीसीएल को तो नुकसान पहुंच ही रहा ईमानदार अधिकारी भी बदनाम हो रहे।
सीआईएसएफ करवा रहा कोयले की चोरी
बीसीसीएल का कोयला चोरी करवाने में सीआईएसएफ की अहम भूमिका है। जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो फिर समझा जा सकता है कि बचाएगा कौन ? यही हालात सीआईएसएफ की है। कोयले चोरी रोकने के लिए सीआईएसएफ को सुरक्षा में तैनात किया गया है। सीआईएसएफ चाहे तो बीसीसीएल का एक भी कोयला बहार निकलना मुमकिन नहीं, लेकिन जब सीआईएसएफ ही सुरक्षा में सेंधमारी कर दे तो कोयले की लूट होगी ही। कोयला चोरी में सीआईएसएफ की भूमिका संदिग्ध है।