धनबाद : अमृता देवी के बलिदान दिवस सह ‘‘राष्ट्रीय पर्यावरण दिवस’’ के अवसर पर धनबाद कोलियरी कर्मचारी संघ(भामसंघ) द्वारा बीसीसीएल के इकाई स्तर तक के कार्यकर्ताओ द्वारा संगोष्ठी कार्यक्रम किया गया, अध्यक्षता भामसंघ धनबाद जिला के अध्यक्ष रामचन्द्र पासवान ने किया।
संचालन यु.सी. मिश्रा मंत्री भामसंघ धनबाद जिला द्वारा की गई। जिसमें मुख्य रूप से केपी गुप्ता, महेन्द्र सिंह, विन्देश्वरी प्रसाद, के साथ-साथ भामसंघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता उपस्थित हुये।
संगोष्ठी का शुभारंभ विश्वकर्मा भवन, भारत माता एवं ठेंगड़ी जी के प्रतिमा पर माल्यार्पन, द्वीप प्रज्वलन के साथ हुई तदोपरान्त अतिथियों को पुष्प देकर सम्मानीत किया गया।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए ध.को.क.संघ के महामंत्री रामधारी ने कहा कि वृक्ष ही जीवन है बढती जनसंख्या और घटते जंगल मानव के विनाश के कारण बनेगें। सभी कार्यकर्ताओं को वन की कटाई रोकने के साथ साथ वृक्ष को भी लगाना चाहिए। उन्होने केन्द्र एवं झारखण्ड सरकार से 28 अगस्त को राष्ट्रीय पर्यावरण दिवस घोषित करने की मांग की है।
उन्होने पर्यावरण दिवस पर प्रकाश डालते हुये कहा कि सन् 1730 ई0 में जोधापुर के राजा अजीत सिंह को नई महल बनाने हेतू इमारती लकड़ियों की आवश्यकता थी। पेड को न काटने हेतु अमृता देवी एवं 363 लोगों के साथ अपने जीवन का बलिदान देकर चिपको आन्दोलन चलाया। इस बलिदान के प्रभाव से वहॉ के राजा ने पेड़ काटने पर प्रतिबंध लगाया। इसी बलिदान दिवस के अवसर के सम्मान में 28 अगस्त को सम्पुर्ण भारत में अमृता देवी वलिदान दिवस को भारतीय मजदूर संघ द्वारा ‘‘राश्ट्रीय पर्यावरण दिवस’’ के रूप में मनातें है।
अशोक कुमार ने पर्यावरण के संरक्षण पर प्रकाशडालते हुए कहा कि ऑक्सिजन पेड़-पौधा से प्राप्त होता है। पर्यावरण के साथ साथ रक्षा करने का भी संलक्प लेना चाहिए। अतः पर्यावरण का मुद्दा बहुत बडा़ मुद्दा है, जिसके बारे में सभी को जागरूक होना होगा और इस परेशानी का सामना करने के लिए अपने सकारात्मक प्रयासों को क्रियान्वीत करना होगा।
उमेश कुमार सिंह अध्यक्ष ध.को.क.संघ ने कहा कि प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग से युक्त वातावरण में सकारात्मक बदलावों को लाने के लिए देश के युवा पीढी़ से सबसे बडी़ उम्मीद है। आज हमसभी संकल्प लें कि अपने-अपने क्षेत्रों, आवासों, कोलियरी के मजूदरों एवं ग्रामीणों को पेड़ लगाने हेतू प्रेरित करेगें एवं उसकी सुरक्षा करेगें।
संगोष्ठी को विन्देश्वरी प्रसाद, के.पी.गुप्ता, प्रवीण झा आदि ने पर्यावरण की संरक्षण पर प्रकाश डाला और इसकी सुरक्षा का संकल्प लिया।
सुभाष माली, मुरारी तॉती, गुप्तेश्वर नोनिया, राम रतन सिंह, वीरभद्र सिंह, शिव शंकर पाण्डेय, राम कृष्ण यादव, राजेन्द्र सिंह, दयानन्द पासवान, रमेश कुमार चौबे, मोहर महतो, रमेश कुमार दास, नवनित सिंह, उमेस्वर झा बीसी मंडल, माणिकचन्द्र तिवारी के अन्य कार्यकर्ता मौजुद थे।