जोरापोखर। जामाडोबा वाटर बोर्ड उत्क्रमित उच्च विद्यालय में अर्ध निर्मित भवन निर्माण में घपले की जाँच करने पहुँचे जिला शिक्षा अधीक्षक प्रबला खेस। जांच के बाद उन्होंने स्कूल के भवन निर्माण में कई अनियमितता पाई।उन्होंने कहा कि जिले में कई स्कूलों में इस तरह का भवन निर्माण होना था।सभी विद्यालयों में भवन का निर्माण हो चुका है।सिर्फ वाटर बोर्ड का स्कूल बाकी रह गया है।इसकी जाँच की जाएगी।उन्होंने कहा कि तीन स्कूल बोरागड़, सिंदरी, जामाडोबा वाटर बोर्ड के भवन निर्माण का कार्य 2019 मे उर्मिला कंस्ट्रक्शन को दिया गया था।लेकिन समय अवधि पर कार्य नही कर पर उन्हें विभाग द्वारा ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया था।जिसके पश्चात तीनो स्कूल के बचे पैसे को एसएमसी समिति के खाते में 26 लाख रुपये भेज दिया गया।उन्हें ही अधूरे कार्य को पूरा करने की जिम्मेवारी मिली थी।तीनो स्कूलों ने मिलकर बचा कार्य करने की जिम्मेवारी परवेज खान नामक ठेकेदार को दिया था।जिसमे जामाडोबा वॉटर बोर्ड स्कूल का साढ़े 24 लाख रुपये खर्च हो गए ढलाई के बाद जस का तस काम ठप पड़ा हुआ है।इसकी जांच की जाएगी। जबकि स्कूल में रखे 150 एससी के सीमेंट की बोरी जो पत्थल हो चुके है उसे भी देखा।
श्रीमती खेस ने बच्चों की उपस्थिति देखी,मध्यान्ह भोजन की भी जांच की गई हैं।
स्कूल के प्रिंसिपल शतीश सिंह छुटी में हैं।