झरिया: झारखंड सरकार के उत्पाद विभाग ने दावा किया है कि राज्य की नई शराब नीति की वजह से मई 2022 के दौरान राजस्व संग्रहण में 70 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गयी जो कि एक कीर्तिमान है।
वही विभागीय अधिकारियों के अनुसार राज्य को 79 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व भी प्राप्त हुआ। लेकिन अगर धरातल की बात करे तो जब से झारखंड सरकार की नई शराब नीति लागू हुई है तबसे अवैध महुआ शराब अड्डा संचालन करने वालो की बल्ले बल्ले हो गई है।
शराब दुकानों मे मनचाही रेगुलर ब्रांड की शॉर्टेज और मूल्यों मे आए बढ़ोतरी का सीधा फायदा अवैध शराब के जुड़े कारोबारियों ने सुनहरे अवसर के रूप मे इस्तेमाल करना शुरु कर दिया।
अगर हम धनबाद जिला के झरिया शहर की करे तो जितनी खपत झरिया शहर की शराब दुकानों मे है उसकी एक तिहाई भी आपूर्ति नहीं हो रही है। जबकि बीयर तो हैं ही नहीं और अगर कही मिल भी जाए तो औने पौने दाम वसूले जा रहे जबकि देसी शराब भी गायब है।
लेकिन बावजूद इसके गली-गली मुहल्लों के महखानों में हर ब्रांड के शराब कैसे उपलब्ध है यह अपने आप मे बड़ा सवाल है। झरिया के नई दुनिया, बालूगद्दा समेत कई इलाकों मे महुवा शराब की भट्टीयां खुलेआम सिस्टम को मुंह चिढ़ा रही है।
जगह-जगह अवैध शराब के अड्डे धड़ल्ले से चलाए जा रहे है। जहां खुलेआम धीमी मौत का सामान बिकता है। कच्ची-पक्की शराब लोगों की जिंदगी में तबाही का जहर घोल रही है। ये सब जानने के बाद भी जो लोग जिम्मेदार हैं, वो बेखबर बने बैठे हैं।
पुलिस और आबकारी विभाग की उदासीनता कभी लोगों की जिंदगी पर भारी पड़ सकती है। बाइक और स्कूटी से बेरोक टोक महुवा शराब झरिया के विभिन्न क्षेत्रों मे पोहुचाया जा रहा है। खुलेआम शराब बेची और खरीदी जा रही है। वही कुछ जगहों पर तो युवा वर्ग भी अपने भविष्य से खिलवाड़ कर इस गोरखधंधे मे शामिल हो चुके है।
मोबाइल फोन से कांटेक्ट कर डोर टू डोर ( मनचाहे स्थानों पर ) पलक झपकते ही आप तक अपने स्कूटी के माध्यम से शराब पोहुचाना का धंधा भी झरिया शहर मे बेझिझक चल रहा है।शराब के शौकीन दोगुना कीमत में बिक रही शराब खरीद रहे है।
जगह-जगह अवैध शराब के अड्डे धड़ल्ले से चलाए जा रहे है। होली दीवाली जैसे पर्व त्योहारों मे सिस्टम जागता है छोटी मोटी कार्रवाई कर अपनी पीठ खुद ही थप थपाता है लेकिन सटीक और मजबूत कदम नही उठाए जाने के कारण आज इन अवैध शराब कारोबारियों के हौसले बुलंद हैं।