जोरापोखर:- सीएसआईआर-सीआईएमएफआर डिगवाडीह परिसर में कोल गौसिया प्लांट के उत्सर्जन क्षेत्र में पारा प्रबंधन में कोल गौसिया प्लांट के उत्कृष्टता केंद्र का उद्घाटन नीति आयोग भारत सरकार के सदस्य डॉ वी के सारस्वत द्वारा किया गया।
मानवजनित पारा उत्सर्जन के रूप में औद्योगिक गतिविधियों ने पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर इसके संभावित प्रभाव के कारण व्यापक ध्यान आकर्षित किया है। “उत्सर्जन क्षेत्र में पारा प्रबंधन” के लिए उत्कृष्टता केंद्र सभी औद्योगिक क्षेत्रों में पारा के लिए वायु (गौस) उत्सर्जन निगरानी के संबंध में क्षमता निर्माण पर ध्यान केंद्रित करेगा, तथा कोयला से गौस का उत्सर्जन कर बहुउद्देश्यीय रसायन का निर्माण कर देश आत्म निर्भर बन पाएगा।
उक्त बातें सिम्फ़र के वरिष्ठ बैज्ञानिक आशीष मुखर्जी ने श्री सास्वत को बताया कि गौस से यूरिया, मिथनॉल, डीजल ,पट्रोल,तथा दवा बनाया जा सकता है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान होगा। पूर्व में हम विदेश पर निर्भर थे,जिससे हमारा अर्थब्यवस्था भी प्रभावित हो जाता था।
इसके अलावा यह केंद्र विभिन्न मौजूदा उत्सर्जन नियंत्रण प्रौद्योगिकियों जैसे ईएसपी, ग्रिप गैस डिसल्फराइजेशन, चयनात्मक/गैर-चयनात्मक उत्प्रेरक रिएक्टरों द्वारा एचजी कैप्चर का मूल्यांकन करने के लिए अनुसंधान एवं विकास कार्य करेगा। केंद्र स्टैक और कार्य क्षेत्र वायु उत्सर्जन निगरानी के लिए एक अत्याधुनिक सुविधा प्रदान करेगा। उनके साथ में सिम्फ़र के रिसर्चर चेयरमैन इ एस द्वारिकादास,वरिष्ठ वैज्ञानिक आशीष मुखर्जी, प्रकास चव्हाण, डॉ सुदीप्तो दत्ता, डॉ सूजन, डॉ विशाल चौहान, डॉ रुपेश कुमार सिंह, आदि रहे