धनबाद। 19 माह बाद भाजपा नेता सतीश सिंह हत्याकांड का फैसला आया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ राजीव आनंद की अदालत ने सोमवार को तीनों आरोपी ललन कुमार दास उर्फ ललन दास, बाबू राजा उर्फ चंद्रप्रकाश एवं उत्तम महतो उर्फ नीलकंठ महतो को उम्र कैद की सजा सुनाई है। अदालत ने आरोपियों को 50 हजार रुपए आर्थिक दंड की भी सजा दी है।
सजा की बिंदु पर सुनवाई करते हुए अभियोजन पक्ष के अभियोजक वीरेंद्र कुमार ने इस मामले को रेयरेस्ट ऑफ रेयर का मामला बताया और कहा कि अपराधियों द्वारा दिनदहाड़े शहर के हृदय स्थली बैंक मोड में हत्या की घटना को अंजाम दिया है, जिससे क्षेत्र में दहशत का माहौल पैदा हो गया। इस कृत्य के लिए आरोपियों के प्रति कोई नरमी नहीं बरतनी चाहिए। जबकि बचाव पक्ष के अधिवक्ता द्वारा नरमी बरतने की प्रार्थना अदालत से की गई । दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने कहा कि यह मामला रेयरेस्ट ऑफ रेयर की श्रेणी में नहीं आता है।
इसलिए अदालत आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाती है। इस मामले के दो आरोपी ललन कुमार दास उर्फ ललन दास एवं बाबू राजा उर्फ चंद्रप्रकाश पहले से ही न्यायिक हिरासत में जेल में बंद थे जबकि एक आरोपी उत्तम महतो उर्फ नीलकंठ महतो का बंधपत्र पिछले तिथि को ही अदालत द्वारा खारिज कर गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया है।
10 मार्च 2022 को अदालत ने दोषी करार दिया था
अदालत ने तीनों आरोपियों को षड्यंत्र रच कर 19 अगस्त 2020 को सतीश सिंह की हत्या कर देने के आरोप में 10 मार्च को ही दोषी करार दिया था। अदालत में आज सजा के बिंदु पर सुनवाई की गई।
3 दिसंबर को 2020 को आरोप पत्र दाखिल, 3 जून 2021 को आरोप गठित
मृतक सतीश सिंह के बड़े भाई संतोष कुमार सिंह द्वारा 19 अगस्त 2020 को बैंक मोड़ थाना में अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। दर्ज प्राथमिकी में कहा गया था कि उसे सूचना मिली की उसके छोटे भाई सतीश कुमार सिंह को बैंक मोड़ कि विकास नगर स्थित सड़क पर अज्ञात लोगों द्वारा गोली मार दी गई है। सूचना पाकर वाह घटनास्थल पहुंचा जहां से उसके भाई को इलाज हेतु पीएमसीएच ले जाया गया था जहां उसकी मौत हो गई थी।
पुलिस इस मामले में तीनों आरोपियों को संदेह के आधार पर गिरफ्तार कर पूछताछ की थी तीनों आरोपियों ने अपने अपराध स्वीकारोक्ति बयान में अपना गुनाह स्वीकार किया था। बाद में पुलिस तीनों आरोपियों के खिलाफ 3 दिसंबर 2020 को अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था अदालत में आरोपियों के खिलाफ है 3 जून 2021 को आरोप का गठन किया गया था। अभियोजन पक्ष से अभियोजक कुलदीप शर्मा द्वारा आरोप पत्र के 24 गवाहों में से 22 गवाहों की गवाही करा दी