धनबाद। भारतीय अर्थव्यवस्था और महिला सशक्तिकरण विषय पर रविवार को दी इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया की धनबाद शाखा ने अपने महिला सीए सदस्य के लिए संगोष्ठी का आयोजन किया। संगोष्ठी का आयोजन बैंक मोड़ स्थित आईसीएआई की धनबाद शाखा में हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता धनबाद के सीए ललित कुमार झुनझुनवाला थे। इस कार्यक्रम का टैगलाइन अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस रखा गया। यह कार्यक्रम पूरे भारत में दी इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट की सभी संस्थानों में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में धनबाद की 15 महिला चार्टर्ड अकाउंटेंट सदस्य और धनबाद शाखा के सचिव, सीए राहुल सुरेका, कोषाध्यक्ष सीए शुभम खंडेलवाल और सीकासा के अध्यक्ष सीए नंद किशोर तुलस्यान उपस्थित थे।
धनबाद की सभी महिला सीए सदस्य को उनके किये गए अर्थव्यवस्था को सुदृढ करने में योगदान के लिए सम्मानित किया गया। सभी ने अपने – अपने जीवन के कार्य और उनसे जुडी परेशानियों को साझा किया।
कार्यक्रम में धनबाद के मुख्य वक्ता सीए ललित कुमार झुनझुनवाला ने यह बताया की महिला सशक्तिकरण को इस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है,जैसे महिलाओं के आत्म-मूल्य की भावना को बढ़ावा देने के लिए, उनकी अपनी पसंद निर्धारित करने की क्षमता, और स्वयं और दूसरों के लिए सामाजिक परिवर्तन को प्रभावित करने का उनका अधिकार। यदि सभी क्षेत्रों में महिला सशक्तिकरण और समानता के अधिकार को अमल में लाया जाए तो वर्तमान तस्वीर की तुलना में जीडीपी को बहुत अधिक प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है।
भारतीय संविधान में शुरुआत से ही समानता के अधिकार दिए गए हैं। अनुच्छेद 14 में – समानता के अधिकार (समान मतदान शक्ति आदि)
अनुच्छेद 15 से 21 में – महिलाओं की सुरक्षा ,भारत में महिला अधिकारों की रक्षा के लिए महिला सशक्तिकरण और विभिन्न कानूनों के गठन के लिए समय-समय पर संशोधन।
महिलाएं सेना, पुलिस जैसे विभिन्न क्षेत्रों में, डॉक्टर, सीए, वकील, एमबीए जैसे विभिन्न व्यवसायों में और लगभग सभी क्षेत्रों में काम कर रही हैं जिसमें पुरुष देश और समाज को अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
ग्रामीण महिलाएं: ज्यादातर अपने अधिकारों से अनजान हैं और परिवार मुख्य रूप से पुरुष प्रधान हैं।