सनी लियोनी से लेकर अमिताभ तक NFT के हुए मुरीद, जानें क्या है ये नई डिजिटल दुनिया

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नई दिल्ली:  पेरिस हिल्टन, लिंडसे लोहान जैसी सेलिब्रिटी के क्लब में बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन और हॉट सनी लियोनी भी शामिल हो गए हैं। दोनों भारतीय कलाकार NFT(Non Fungible Token)प्लेटफॉर्म से जुड़ गए हैं। सनी लियोनी ने जहां अपनी वेबसाइट के जरिए एनएफटी कलेक्शन लांच कर दिया है। वहीं अमिताभ बच्चन नवंबर में अपने एनएफटी कलेक्शन लांच करने जा रहे हैं।

बॉलीवुड में सनी लियोनी एनएफटी कलेक्शन लांच करने वाली पहली एक्ट्रेस बन गई है। उनके कलेक्शन में करीब 1000 एसेट शामिल हैं। वहीं अमिताभ बच्चन के एनएफटी कलेक्शन में उनके पिता हरिवंश राय बच्चन की लिखी और अमिताभ द्ववारा गाई गई मधुशाला का डिजिटल वर्जन उपलब्ध होगा। इसके अलावा अमिताभ द्वारा सिग्नेचर किए गए उनकी फिल्मों के पोस्टर के डिजिटल वर्जन भी मौजूद रहेंगे।

क्यों जुड़ रहे हैं सेलिब्रिटी

असल में NFT का चलन दुनिया में पिछले 4-5 साल से तेजी से बढ़ रहा है चलन है, जिसकी धमक भारत में भी हो गई है। आम भाषा में एनएफटी एक डिजिटल कलेक्शन प्लेटफॉर्म है। जहां पर पेटिंग, ऑर्ट वर्क, म्यूजिक एलबम, तस्वीर, सेलिब्रिटी के रेयर कलेक्शन डिजिटल रुप में उपलब्ध होते हैं।

ये सेलिब्रिटी कलेक्शन की चाहत रखने वालों को अपने एसेट डिजिटल फॉर्म में बेचकर अच्छी कमाई कर सकते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक मार्च 2021 में एनएफटी पर बीप्ले (Beeple) 6.9 करोड़ डॉलर में बिकी थी। इसी तरह अप्रैल 2021 में एडवर्ड स्नोडेन का आर्टवर्क स्टेफ्री 54 लाख डॉलर में बिका। इसी तरह ट्विटर के को-फाउंडर जैक डोरसे ने अपना पहला सिग्नेचर एनएफटी पर 29 लाख डॉलर में बेचा है।

कैसे काम करता है NFT

NFT एक डिजिटल दुनिया है। जो  ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित है। इसके तहत  ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी डिजिटल असेट्स को एक यूनीक आईडी देता है। इसके जरिए किसी भी असली दुनिया की चीज को डिजिटल वर्जन में रखा जाता है। जिसे बाद में बेचा भी जा सकता है और उससे मोटी कमाई हो सकती है। एनएफटी पर प्लेटफॉर्म पर कोई भी अपना रजिस्ट्रेशन कराकर एसेट की बोली लगा सकता है। और सबसे अधिक बोली के आधार पर उसे खरीद सकता है। साथ ही अपना खुद का एनएफटी प्लेटफॉर्म भी शुरू कर सकता है।

NFT और क्रिप्टोकरंसी में क्या अंतर है

एनएफटी और क्रिप्टोकरंसी (बिटक्वाइन) एक ही प्रोग्रामिंग से काम कर करते हैं। लेकिन एनएफटी जहां Non Fungible Token है। वहीं बिटक्वाइन Fungible Token है। इसका मतलब यह है कि एनएफटी को बिटक्वाइन की तरह एक्सचेंज या ट्रेड नहीं किया जा सकता है। साथ ही बिटक्वाइन की तरह इसकी कीमत किसी मुद्रा के आधार पर फिक्स नहीं की जा सकती है।

ओरिजनल की गारंटी

इसके अलावा एनएफटी एसेट पर डिजिटल सिग्नेचर होते हैं। जो उसकी ओरिजनल होने की गारंटी देते हैं। ऐसे में इसको खरीदने के बाद कलेक्टर को इस बात का भरोसा रहता है कि उसके पास एसेट पूरी तरह से ओरिजनल है। इस तरह के एसेट खरीदने के लिए डिजिटल वॉलेट बनाना होता है। और उसके बाद उसकी डिजिटल करंसी में खरीदारी होती है। आम तौर पर बिटक्वाइन और दूसरी करंसी में इसकी खरीदारी की जा सकती है।

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