हार्ट अटैक से बचाएगी ये एक गोली, रिसर्च में बड़ा दावा

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आए दिन हम सुनते हैं कि हार्ट अटैक से किसी की मौत हो गई. कोरोना महामारी के बाद से तो दिल का दौरा पड़ने के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. कम उम्र में ही लोग इस बीमारी का शिकार हो रहे हैं. दिल की बीमारियों से होने वाली मौतों का आंकड़ा हर साल बढ़ रहा है. इस बीच एक राहत भरी खबर आई है. एक मेडिसिन को अप्रूव किया गया है जो आपको हार्ट अटैक से बचा लेगी. इस मेडिसन का नाम कोलोचिसाइन है. यूएस एफडीए ने मेडिकल ट्रायल में इसको दिल के मरीजों के लिए कारगर माना है.

एफडीए ने कोलोचिसाइन दवा को कोरोना हार्ट डिजीज, एंजाइना, हार्ट अटैक, एंजियोप्लास्टी और बाइपास सर्जरी करा चुके मरीजों के ट्रीटमेंट के लिए अप्रूव कर दिया है. जिन मरीजों को भविष्य में दिल की बीमारियों का खतरा है वह भी इसका इस्तेमाल कर सकते है. इस दवा के यूज से हार्ट की बीमारियों से 30 फीसदी तक बचाव किया जा सकता है. हार्ट अटैक के खतरे वाले लोग कोलोचिसाइन के इस्तेमाल से हार्ट अटैक से बच सकते हैं. ये मेडिसन भविष्य में होने वाली हार्ट की किसी बीमारी से भी बचाव कर सकती है.

क्या है कोलोचिसाइन दवा

नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट में प्रोफेसर डॉ. राजीव नारंग ने TV9 से बातचीत में इस मेडिसिन के बारे में डिटेल में बताया है. डॉ राजीव ने कहा कि कोलोचिसाइन दवा का इस्तेमाल गाउट और गठिया के ट्रीटमेंट के लिए किया जाता है. अब ट्रायल में ये मेडिसन हार्ट के मरीजों के लिए भी फायदेमंद मिली है.ये दवा दिल की बीमारियों के खतरे को भी कम करती है. .

कोलोचिसाइन मेडिसिन शरीर की सूजन को कम करती है. ये आसानी से मेडिकल स्टोर पर उपलब्ध है, जिन मरीजों की हाल ही में हार्ट की कोई सर्जरी हुई है या पहले कभी हार्ट अटैक आया है उनके ट्रीटमेंट में कारगर है. हालांकि किसी भी व्यक्ति को इस मेडिसिन का इस्तेमाल डॉक्टरों की सलाह के बिना नहीं करना चाहिए. बिना वजह दवा लेने से साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं.

हार्ट अटैक बन रहा जानलेवा

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक,भारत में बीते 10 सालों में हार्ट अटैक से मरने वालों की संख्या में 60 फीसदी तक का इजाफा हुआ है. 10 में से 3 मरीजों की उम्र 45 साल से कम है. दुनियाभर में भी दिल की बीमारियां मौत का सबसे बड़ा कारण है. हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट के मामले हर साल बढ़ रहे हैं. कोरोना महामारी के बाद से हार्ट डिजीज काफी बढ़ गई हैं.

कोविड वायरस के वजह से हार्ट की आर्टरीज में हुए ब्लड क्लॉट की वजह से ऐसा हो रहा है. डॉक्टरों का कहना है कि हार्ट डिजीज बढ़ने की बड़ी वजह खराब खानपान , आराम तलब लाइफस्टाइल, कोविड वायरस, खराब मेंटल हेल्थ और स्मोकिंग की आदत है.

सेहत पर देना होगा ध्यान

राजीव गांधी हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के डॉ. अजित जैन बताते हैं कि लोगों को अपनी सेहत को लेकर जागरूक होना जरूरी है. जिस हिसाब से हार्ट की बीमारियां बढ़ रही है ये एक बड़ा खतरा बन रही हैं. ऐसे में लोगों को अब अपने खानपान और जीवनशैली पर ध्यान देना होगा. नियमित रूप से हार्ट की जांच कराना भी जरूरी है. इससे समय रहते बीमारी की पहचान और इलाज किया जा सकता है.

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