जी-20 बैठक के दौरान पीएम मोदी ने मोरक्को में आए भूकंप में मारे गए लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कुछ देर पहले मोरक्को में आए भूकंप से प्रभावित लोगों के प्रति में अपनी संवेदना प्रकट करना चाहता हूं। हम प्रार्थना करते हैं कि सभी घायल लोग शीघ्र स्वस्थ हों। इस कठिन समय में पूरा विश्व समुदाय मोरक्को के साथ है। हम उन्हें हर संभव सहायता पहुंचाने के लिए तैयार हैं।
मोरक्को में भूकंप से भारी तबाही हुई है। मराकेश के दक्षिण-पश्चिम हिस्से में शुक्रवार की देर रात को 6.8 तीव्रता के झटके महसूस किए गए। बीएनओ न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार देर रात मध्य मोरक्को में आए 6.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप में 600 से ज्यादा लोग मारे गए और दर्जनों घायल हो गए। भूकंप के झटके रात के करीब 11:11 बजे महसूस किए गए। भूकंप के झटके का एपीसेंटर मारकेश से 71 किलोमीटर दूर 18.5 किलोमीटर की गहराई पर था।
इस भूकंप के कुछ वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में दिखाया गया है कि भूकंप आने के बाद सामान गलियों में बिखरा पड़ा है। कई लोग शॉपिंग सेंटर, रेस्तरां और अपार्टमेंट इमारतों से बाहर भागते दिखाई दिए। भूकंप की तीव्रता को लेकर यूएस जियोलॉजिकल सर्वे ने शुरुआती आंकड़े पेश किए, जिसको लेकर उन्होंने आर्थिक नुकसान को दर्शाने के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिसमें ज्यादा नुकसान की संभावना जताई गई है।
मराकेश के रहने वाले ब्राहिम हिम्मी ने कहा कि उन्होंने पुराने शहर से एम्बुलेंसों को निकलते देखा और कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं। उन्होंने कहा कि कई लोग डरे हुए हैं और दोबारा भूकंप आने की आशंका से बाहर रह रहे हैं।
US जियोलॉजिकल सर्वे ने शुरुआती आंकड़े पेश करते हुए भूकंप के झटकों की वजह से हुई मौतों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है, जो दर्शाता है कि कुछ हताहत होने की संभावना है। USGS ने कहा, “इस क्षेत्र की आबादी वैसे इलाकों में रहती है, जो भूकंप के झटकों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है।”
बता दें, अफ्रीकी और यूरेशियाई प्लेटों के बीच स्थित होने के कारण मोरक्को के उत्तरी क्षेत्र में अक्सर भूकंप आते रहते हैं। पूर्वोत्तर मोरक्को के अल होसेइमा में 2004 के दौरान आए तेज भूकंप के झटकों की वजह से कम से कम 628 लोग मारे गए और 926 घायल हो गए थे।
1980 में मोरक्को के पड़ोसी देश अल्जीरिया में आए 7.3 तीव्रता के तेज भूकंप की वजह से 2,500 लोग मारे गए थे और कम से कम 3 लाख लोग बेघर हो गए थे। जिसे हाल के इतिहास में सबसे बड़े और सबसे विनाशकारी भूकंपों में से एक माना जाता है।
क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं जो लगातार घूम रही हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है। डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है। इन्हें टेक्टॉनिक प्लेट कहते हैं। इसके कारण भूकंप के अलावा ज्वालामुखी विस्फोट की आशंका भी रहती है।