चीन में कोरोना के सख्त नियमों से बिफरे लोग, सड़क पर प्रदर्शन कर लगाए जिनपिंग कुर्सी छोड़ो के नारे

173 0

चीन में कोरोना (corona) से हालात बेकाबू हो चुके हैं। अस्पताल में बेड नहीं हैं। वेंटिलेटर और चिकित्सा उपकरणों की कमी हो गई है। मृतकों को श्मशान में जगह नसीब नहीं हो पा रही है। वहीं दूसरी तरफ सरकार की सख्ती के चलते शुक्रवार (23 दिसंबर, 2022) को लोग सड़कों पर उतर आए। ग्वांगझू में लोगों ने चीनी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और जिनपिंग के कुर्सी छोड़ो के नारे लगाए। चीन में कोरोना रिपोर्ट निगेटिव होने तक लोगों को हिरासत में रखा गया है।

कोरोना (corona) के लगातार बढ़ते हुए केसों के चलते चीन में चिकित्सा सोर्स की कमी सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरी है। हालात यह हैं कि चीन में न केवल हॉस्पिटल में बेड, वेंटिलेटर्स और दवाइयों की कमी है, बल्कि डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की भी काफी कमी है। चीनी मीडिया रिपोर्ट्स में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।

पेकिंग यूनिवर्सिटी फर्स्ट हॉस्पिटल के श्वसन विशेषज्ञ वांग गुआंगफा ने कहा कि चीन की राजधानी बीजिंग में अगले कुछ दिनों में कोरोना के मामले बढ़ सकते हैं। वांग ने कहा कोरोना संक्रमण की नई लहर से घिरा बीजिंग चिकित्सा संसाधनों पर अतिरिक्त दबाव डाल रहा है। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना कि चिकित्सा संसाधनों की कोई कमी नहीं है, कोविड-19 मामलों के इलाज में सफलता दर बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कारक है। उन्होंने कहा कि हमें अस्पतालों में वायरस से निपटने की पूरी तैयारी करनी चाहिए। हालांकि चीन ने ये दावा किया है कि पूरे देश में 22 दिसंबर को 4 हजार से भी कम कोविड के केस सामने आए हैं।

वहीं दावा यह भी किया गया है कि चीन में तीन ऐसे प्रांत हैं जहां दो करोड़ से ज्यादा लोगों को कोरोना ने अपनी चपेट में ले लिया है। यह प्रांत हैं हेनान, हुबेई और सिचुआन। साथ ही छह ऐसे भी प्रांत हैं, जहां कोविड का संक्रमण एक से दो करोड़ के बीच है।

अपने परिजनों के अंतिम संस्कार के लिए कतार में लगे लोग

चीन में फ्यूनरल होम से जो तस्वीरे सामने आ रही हैं। वो चीन की भयानक स्थिति को बयां कर रही हैं। हर ओर ताबूत ही ताबूत नजर आ रहे हैं, जिनको अंतिम संस्कार के लिए कतार में रखा गया है। कई जगह तो स्थिति ऐसी है जहां मरीजों के बैठने के लिए जगह नहीं है। इन सब हालातों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि चीन में क्या स्थिति है।

चीन में कोविड के भयावाह आंकड़ों के बीच डब्ल्यूएचओ प्रमुख (WHO Chief) घेब्रेयसस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस (Press Confrence) में बताया था कि कोविड-19 (COVID-19) के बाद की स्थिति की हमारी समझ से बाहर है। हम इस बात को समझ नहीं पा रहे हैं कि संक्रमण के लॉन्गटर्म परिणामों से पीड़ित लोगों का इलाज कैसे किया जाए।

Spread the love

Awaz Live

Awaz Live Hindi Editorial Team members are listed below:

Related Post

जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे के अंतिम संस्कार में शामिल हुए प्रधानमंत्री मोदी, कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष रहे मौजूद

Posted by - September 27, 2022 0
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को टोक्यो के निप्पॉन बुडोकन में जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे के राजकीय अंतिम संस्कार…

पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में धमाका, वाहन की तलाशी के दौरान हुआ विस्फोट

Posted by - December 23, 2022 0
पाकिस्तान (Pakistan) की राजधानी इस्लामाबाद (Islamabad) से बम धमाके की खबर सामने आ रही है। राजधानी की पुलिस के मुताबिक…

अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने किया सरेंडर, कैदी बन 20 मिनट जेल में रहे

Posted by - August 25, 2023 0
अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड जॉन ट्रंप को गिरफ्तार कर लिया गया है। डोनाल्ड ट्रंप पर अवैध रूप से उस राज्य…

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *