चीन से सीमा विवाद (India-China Border Controversy) पर चर्चा की मांग और राज्यसभा के अध्यक्ष जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) की कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) पर टिप्पणी पर मचे विवाद के बीच संसद के दोनों सत्र अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गए। इस दौरान लोकसभा की प्रोडक्टिविटी 102 फीसदी रही, जबकि राज्यसभा में 97 फीसदी काम हुआ।
7 दिसंबर को शुरू हुआ था Winter Session
संसद के शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session) की बैठक निर्धारित समय से छह दिन पहले स्थगित हुई। संसद का शीतकालीन सत्र 7 दिसंबर से शुरू होकर 29 दिसंबर तक चलना था। लेकिन क्रिसमस (Christmas) एवं नववर्ष (New Year के कारण विभिन्न दलों के सदस्यों ने लोकसभा अध्यक्ष (Lok Sabha Speaker) ओम बिरला (Om Birla) की अध्यक्षता वाली कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में सत्र को समय से पहले स्थगित करने का आग्रह किया था। इसके आधार पर सत्र को समय से पहले स्थगित करने का फैसला किया गया।
97 फीसद रही लोकसभा की प्रोडक्टिविटी
बिरला ने कहा कि इस बार सत्र की कार्य प्रोडक्टिविटी लगभग 97 फीसदी रही। 13 बैठकों में 68 घंटे 42 मिनट काम हुआ। सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, निचले सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी समेत अन्य दलों के नेताओं ने लोकसभा अध्यक्ष बिरला से उनके कक्ष में जाकर मुलाकात की।
Sonia Gandhi की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया नहीं देता तो ये शपथ के साथ धोखा होता
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने UPA अध्यक्ष सोनिया गांधी की न्यायपालिका के संदर्भ में टिप्पणियों पर अपनी प्रतिक्रिया को जायज ठहराते हुए कहा कि उन्होंने प्रतिक्रिया नहीं दी होती तो वह अपनी शपथ के साथ अन्याय करते। वो अपने संवैधानिक दायित्व का निर्वाह करने में विफल रहते। राज्यसभा में कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने यह मुद्दा उठाया और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने उनका समर्थन किया।
तिवारी ने कहा, “अगर सोनिया गांधी बाहर कुछ कहती हैं तो उस पर राज्यसभा में चर्चा नहीं की जानी चाहिए। अगर चेयर की ओर से उस पर प्रतिक्रिया आती है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसा कभी नहीं हुआ।” खड़गे ने कहा कि जो कुछ कहा गया है उसे कृप्या कार्यवाही से निकाल दिया जाए। अगर इसे कार्यवाही से नहीं निकाला जाएगा तो यह अच्छी मिसाल पेश नहीं करेगा। खड़गे ने कहा कि सोनिया दूसरे सदन की सदस्य हैं और राज्यसभा की यह परंपरा रही है कि यहां अन्य सदन के सदस्य के वक्तव्य पर चर्चा नहीं की जाती है।