कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Congress Leader Rahul Gandhi) को रांची की एमपी-एमएलए कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दरअसल राहुल गांधी ने ‘मोदी सरनेम’ मानहानि मामले में कोर्ट में व्यक्तिगत पेशी से छूट के लिए अर्जी दाखिल की थी। लेकिन कोर्ट ने उनकी अर्जी को ख़ारिज कर दिया है। यानी अब जब भी सुनवाई होगी, राहुल गांधी को कोर्ट में पेश होना पड़ेगा।
बता दें कि रांची के एमपी एमएलए कोर्ट में प्रदीप मोदी नाम के व्यक्ति ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया था। राहुल गांधी की मोदी सरनेम टिप्पणी को लेकर उन्होंने केस दाखिल किया हुआ है, जिस पर सुनवाई चल रही है। राहुल गांधी की ओर से प्रदीप चंद्रा वकील हैं।
बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कोलार में मोदी सरनेम को लेकर एक आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी थी। इसी को लेकर विवाद शुरू हो गया। सबसे पहले राहुल गांधी के खिलाफ सूरत की एमपी एमएलए अदालत में याचिका दायर की गई, जिस पर मार्च महीने में ही फैसला आया है।
सूरत की एमपी एमएलए कोर्ट ने राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई है। साथ ही राहुल गांधी को सजा मिलते ही उनके लोकसभा सदस्यता भी चली गई। राहुल गांधी ने सूरत की जिला अदालत में अपील की और सजा पर रोक लगाने की मांग की। लेकिन वहां से झटका मिलने के बाद राहुल गांधी गुजरात के हाई कोर्ट पहुंच गए। गुजरात हाई कोर्ट ने भी राहुल गांधी की सजा पर निचली अदालत के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।
बता दें कि गुजरात हाईकोर्ट के जस्टिस हेमंत प्रच्छक छुट्टी पर गए हुए हैं और छुट्टी से आने के बाद वह फैसला सुनाएंगे। कोर्ट में तब तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया है। फैसला सुनाए जाने तक राहुल गांधी को कोर्ट ने अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया गया है। 29 अप्रैल को गुजरात हाईकोर्ट में इस मामले पर सुनवाई हुई थी। राहुल गांधी की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने पक्ष रखा था।