चतरा । जिला मुख्यालय के जितनी मोड़ स्थित लाला प्रीतम बीएड प्रशिक्षण महाविद्यालय के शिक्षा संभाग में करमा त्योहार पर बीएड सत्र 2020-22 के प्रशिक्षुओं के द्वारा ऑफलाइन एवं डीएलएड के प्रशिक्षुओं के द्वारा ऑनलाइन करम पर्व मिलन समारोह का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का प्रारंभ आदिवासी संस्कृति के अनुसार मांदर तथा झांझ की ताल पर नृत्य एवं गायन करते हुए किया गया। अतिथियों में महाविद्यालय प्रबंधन समिति के सचिव लाला प्रसाद साहू, आरडीएस इंटर कॉलेज की प्राचार्या ललिता कुमारी, श्रेया कुमारी एवं व्याख्याताओं का स्वागत प्रशिक्षुओं के द्वारा किया गया।
तत्पश्चात आदिवासी परंपरा के अनुसार हाथ धुला कर एवं स्वयं निर्मित बुके देकर अतिथियों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की निर्देशिका बीएड प्रशिक्षु खुशबू तिर्की ने अतिथियों के सम्मान में करम पर्व का परिचय कराते हुए कहा कि आज हम सभी इस प्रशिक्षण महाविद्यालय में अपने जीवन के बहुमूल्य सभ्यताओं को संरक्षित एवं सुरक्षित बनाए रखने हेतु पाठ्य सहगामी क्रियाएं के अंतर्गत सांस्कृतिक कार्यक्रम के द्वारा करम पर्व मिलन समारोह के माध्यम से बहने अपने भाइयों की रक्षा के लिए, अच्छी फसलों की उपज की कामना के लिए साथ ही प्रकृति की रक्षा करने का संकल्प लिया करते है।
प्रशिक्षु रोहित कुजूर के द्वारा कर्म कथा व जावा फुल पर प्रकाश डालते हुए बताया कि जावा करमा पर्व के पांच दिन पहले बहने कई प्रकार की बीज बोती हैं। जिसमें धान, गेहूं, जौ, मक्का, चना तथा उड़द होते हैं। प्रशिक्षुओं के द्वारा सामूहिक रूप से करम पेड़ की डाली को नाच-गान करते हुए मंच पर स्थापित कर उसकी पूजा की। सामूहिक रूप से प्रशिक्षुओं के द्वारा आए हुए अतिथियों को जावा फुल के द्वारा आशीर्वचन लिया गया। प्रशिक्षु दीपा कुमारी तथा देवंती टोप्पो के द्वारा करम गीत का तेरे-तेरे दौरी मोटा रख लो, खुशबू तिर्की के द्वारा एकल करमा नृत्य मांदर बजाते प्रस्तुत किया गया और एक लोकगीत कौन-कौन आ बंदरी चढ़ाई ला भी प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम को गति देते हुए प्रशिक्षु के द्वारा झूमर नृत्य किया गया। इस नृत्य में निम्न लोग का जगह दी गई है करम-करम कह लो आयोग करम का दिन कैसे आवा ए…… केकर केकर मुंडे हरदी रंगल गमछा केकर केकर मुंडे जावा फुल आई रे….. इत्यादि और ढोल-नगाड़े के ताल पर सभी प्रशिक्षु झूमे तथा माहौल को खुशनुमा बना दिया। व्याख्याता संध्या कुमारी एवं प्रियंका रानी ने प्रशिक्षुओं को प्रोत्साहित करते हुए कम समय में सीमित संसाधनों में उनकी आंतरिक कलाओं को बाह्य रूप में प्रदर्शित करवा कर उत्साहित की।
डीएलएड प्रशिक्षु उषा कुमारी के द्वारा कर्म पर गाए गए लोकगीत लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बिंदु बना रहा। अंत में प्रशिक्षु अमिता कच्छप के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन कर करम डाली विसर्जन की घोषणा की गई। जिसके बाद बड़े ही धूमधाम से ढोल और नगाड़े की ताल पर झूमते-गाते हुए करम डाली का विसर्जन किया गया।
प्रशिक्षुओं को प्रोत्साहित वह सम्मानित करते हुए महाविद्यालय के सचिव लाला प्रसाद साहू ने कहा कि आप सभी प्रशिक्षु जिस तरह से पर्व-त्यौहार के माध्यम से अपनी संस्कृति को जीवित बनाए रखने में अपने प्रशिक्षण अवधि का सदुपयोग कर रहे हैं निसंदेह आप समाज की प्रथम पंक्ति में आने वाले समय में अपने को पाएंगे।
कार्यक्रम को सफल बनाने में मीडियम डीएलएड प्रशिक्षु सुषमा टोप्पो, विरोनिका हंस, सुनीता टोप्पो, देवंती टोप्पो, अनिता, ममता किस्पोट्टा, शशि, निर्मला कुजुर, अनीशा कुमारी, शिवानी कुमारी, जयंत करकट्टा, मनीषा मिंज, नागेंद्र इक्का, श्वेता कुजूर, उषा कुमारी, सरोज कुमारी, शारदा कुमारी प्रशिक्षुओं के द्वारा आकर्षक प्रस्तुति की गई कार्यक्रम को सफल बनाने में महाविद्यालय के समस्त व्याख्याता गण एवं प्रशिक्षण की भूमिका महत्वपूर्ण रही।