बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद अब झारखंड में राजनीतिक घमासान चल रहा है। खबरों के अनुसार, खनन लीज आवंटन मामले में चुनाव आयोग में सुनवाई पूरी हो चुकी है। इस मामले में आयोग कभी भी फैसला सुना सकता है। अगर प्रतिकूल फैसला आता है तो झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सीएम पद छोड़ना पड़ सकता है। ऐसे कयास को लेकर प्रदेश की राजनीति में सरगर्मी बढ़ गई है। इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने दावा किया है कि हेमंत सोरेन की जगह उनकी पत्नी कल्पना को प्रदेश की कमान सौंपी जा सकती है। वहीं शनिवार को सीएम ने सत्तारूढ़ दलों के विधायकों की बैठक बुलायी है।
25 साल बाद झारखंड में दोहराएगा बिहार का प्रयोग
झारखंड में राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। चर्चा यह भी है कि झारखंड में करीब 25 साल बाद बिहार का इस्तेमाल हो सकता है। जिस तरह लालू यादव ने 1997 में जेल जाने से पहले राबड़ी देवी को बिहार का मुख्यमंत्री बनाया था। उसी तरह हेमंत सोरेन भी कर सकते हैं। हालांकि, सब कुछ चुनाव आयोग के फैसले पर निर्भर करता है।
क्या है निशिकांत दुबे का दावा
बदलते राजनीतिक समीकरण के बीच बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने बड़ा दावा किया है। भाजपा सांसद ने कहा कि राज्य में जल्द ही नेतृत्व परिवर्तन होगा। निशिकांत दुबे के ट्वीट के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म है। बता दें कि शुक्रवार को निशिकांत दुबे ने ट्वीट कर कहा कि झारखंड में भाभी के राज्याभिषेक की तैयारी चल रही है, जो गरीबों के लिए पारिवारिक पार्टी का सबसे अच्छा नुस्खा है।
यूपीए विधायकों की सीएम हाउस में बैठक
सियासी हलचल के बीच शनिवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में सीएम हाउस में यूपीए विधायकों की बैठक बुलाई गई है। बताया गया है कि झामुमो, कांग्रेस और राजद समेत अन्य समर्थित दलों की मौजूदगी में होने वाली इस बैठक में भविष्य की रणनीति पर चर्चा होगी। लाभ के पद मामले में सीएम हेमंत सोरेन और उनके भाई बसंत सोरेन पर लगे आरोपों पर निर्वाचन आयोग में जिस तरह से सुनवाई पूरी हो चुकी है और आयोग कभी भी अपना फैसला सुना सकता है। बताया जा रहा है कि यूपीए विधायकों की बैठक में राजनीति के सभी विकल्पों पर चर्चा हो सकती है।
क्या झारखंड में भी बिहार का इस्तेमाल होगा
मौजूदा हालात को देखते हुए राजनीतिक विश्लेषक अलग-अलग अनुमान लगा रहे हैं। तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है, जिसमें चर्चा यह भी है कि झारखंड में भी बिहार जैसा प्रयोग संभव है। जिस तरह से राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने 1997 में सीएम का पद छोड़ने के बाद अपनी पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बनाया था। उसी तरह सीएम हेमंत सोरेन को भी किसी भी प्रतिकूल परिस्थिति में पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन को सीएम का पद दिया जा सकता है।