झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री और कांग्रेस नेता ने खुद ही अपने को सबसे अच्छा काम करने वाला घोषित कर अपनी तनख्वाह बढ़ा ली। वह खुद और अपने खास लोगों के नाम भी बेहतर काम करने वाले लोगों की लिस्ट में डाल दिए हैं। यह आरोप लगाते हुए झारखंड के पूर्व मंत्री एवं निर्दलीय विधायक सरयू राय ने बुधवार को सीएम हेमंत सोरेन को एक पत्र लिखा। इसमें उन्होंने शिकायत की कि राज्य में कोरोना काल में बेहतर काम करने के लिए स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने स्वयं एक माह का अतिरिक्त वेतन ले लिया।
उनका कहना है कि, “स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने इसका विरोध भी किया, लेकिन उनके विरोध पर ध्यान न देकर स्वास्थ्य मंत्री एवं कांग्रेस के विधायक बन्ना गुप्ता ने कोरोना काल में बेहतर काम करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों की सूची में जबरन पहला नाम अपना डाल दिया।”
सरयू राय ने कहा, “इतना ही नहीं, उन्होंने साठ लोगों की इस सूची में अपने सभी सचिवों, टाइपिस्टों, सुरक्षाकर्मियों एवं निजी सहायकों तथा चहेते लोगों के नाम डालकर अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए उन्हें वित्तीय वर्ष के अंत में आनन-फानन में कुल 92 लाख 99 हजार रुपये का भुगतान भी करवा दिया।”
इन आरोपों के संबंध में पूछे जाने पर स्वास्थ्य मंत्री गुप्ता ने कहा, “सरयू राय को मुख्यमंत्री को नहीं, प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर शिकायत करनी चाहिए। उन्हें कुछ काम नहीं है, इसलिए वह केवल दूसरों को परेशान करना जानते हैं।”
गुप्ता ने तो यहां तक कहा कि, “सरयू राय जो भी आरोप लगा रहे हैं, उक्त मामले की मुझे किसी प्रकार की कोई जानकारी नहीं है।” झारखंड सरकार ने कोरोना काल में बेहतर काम करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को एक महीने का मूल वेतन प्रोत्साहन राशि के रूप में देने का फैसला किया था।
जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने पत्र में कहा, “स्वास्थ्य मंत्री गुप्ता ने कोरोना काल में स्वास्थ्यकर्मियों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि खुद तो ली ही, साथ ही उन्होंने अपने सचिवों, निजी, सहायकों और अंगरक्षकों समेत 60 लोगों को भी अवैध ढंग से यह प्रोत्साहन राशि दिला दी।”
उन्होंने पत्र में उल्लेख किया है कि यह बात अलग है कि मंत्री के अपने शहर जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में अनुबंध पर काम करने वाले और कोरोना काल में लगातार लोगों की सेवा करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को आज तक प्रोत्साहन भत्ते का भुगतान नहीं किया गया है।