चतरा। झारखंड में अनुसूचित जनजाति और आदिवासी समाज के मुद्दे पर खरवार और भोक्ता समाज दो फाड़ में बंट गयी है। सूबे के श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण सह कौशल विकास मंत्री सत्यानंद भोक्ता नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर भोक्ता जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग से संबंधित ज्ञापन सौंपा।
श्री भोक्ता ने आवाज कार्यालय को दुरभाष पर बताया कि खरवार समाज पूर्व से ही आदिवासी है, लेकिन भोक्ता समाज आज भी वंचित है। कहा कि कुछ चंद लोग अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए आज भी खरवार को आदिवासी समाज में शामिल करने की हास्यास्पद मांग करने में लगे हैं।
मंत्री भोक्ता द्वारा गृहमंत्री अमित शाह को सौंपे गए ज्ञापन में कहा है कि भोक्ता जाति का रहन-सहन, खान-पान, पूजा-पाठ शिक्षा, आवास एवं संस्कृति झारखंडी परंपरा है।
भोक्ता जाति जंगलों व पहाड़ों में निवास करते है। उन्हें अनुसूचित जनजाति का लाभ नहीं मिल रहा है। झारखंड में भोक्ता हमारे सामाज में अनुसूचित जाति से अनुसूचित जन जाति में शामिल करने का लगातर मांग कर रहे है एवं आंदोलन भी कर रहें है। झारखंड में जिला चतरा, लातेहार, पलामू, गढ़वा, रांची, गुमला, लोहरदगा, खूंटी, रामगढ़, बोकारो, हजारीबाग में झारखंड के इन सभी जिलों में भोक्ता सामाज की संख्या अधिक है।
आजादी के 74 वर्ष बीत गये फिर भी भोक्ता जाति का अर्थिक, सामजिक, राजनीतिक, शिक्षा, आवास से वंचित है। भोक्ता जाति को अनुसूचित जन जाति का झारखंड राज्य के सूची संख्या 03 में सूचीबद्ध है। झारखंड सरकार ने भारत सरकार को कई बार प्रस्ताव भेजा है। अतः आग्रह है कि भोक्ता जाति को अनुसूचित जाति से अनुचित जन जाति में शामिल करने की कृपा की जाय।