Report- niranjan kumar
उपरोक्त तस्वीर कूड़ेदान का नही बल्कि शिक्षा विभाग के उच्चस्थ पद पर आसीन हजारीबाग जिला का जिला अधिकारियों का कार्यालय है, जहाँ जिले के कई नामचीन अधिकारीयों का कक्ष है, नाम है झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यालय, हजारीबाग।
कार्यालय घुसते ही शौचालय की बजबजाती गन्ध और कूड़े के ढेर के कारण आपको मुँह में रुमाल या हाँथ से नाक बंद करते प्रवेश करना पड़ेगा।
प्रायः यहाँ के अधिकरियों द्वारा विद्यालयी निरीक्षण के क्रम में जिले भर के कई विद्यालय के प्रभारियों पर विद्यालय की साफ सफाई , शौचालय ठीक ठाक आदि को लेकर डांट फटकार लगाने के साथ निलंबित किये जाते है / किये गए है, वहीं अधिकारियों का खुद का कार्यालय का हाल बेहाल है।
एक ओर जहाँ विद्यालय स्तर पर अधिकारियों का डर और निरीक्षण और कार्यवाई का भय के बाद फिर वसूली से तंग आकर विभागीय यातना से बचने के लिए जिले के सरकारी विद्यालय में निरीक्षण की सूचना मात्र या गाड़ी रुकने की आहट मिलते विद्यालय प्रभारियों को अमूमन हार्पिक, ब्रश बाल्टी लिए शौचालय की ओर दौड़ लगाते देखे जा सकते हैं / देखे जाते हैं जबकि विद्यालय स्तर पर इसकी कोई व्यवस्था नही होती है काश इन कार्यालयों पर भी कभी कभी वरीय अधिकरियों का निरीक्षण होता रहता तो शायद यह स्थिति नही बनती