चतरा (झारखंड)। जिले में रुक-रुक कर लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के बाद टंडवा के गेरुआ नदी में आई बाढ़ में फंसे ट्रैक्टर चालक व एक मजदूर को स्थानीय दो युवकों ने अपनी जान जोखिम में डाल सुरक्षित बाहर निकाल लिया है।
करीब तीन घंटे तक ग्रामीणों द्वारा चलाए गए राहत बचाव कार्य के दौरान टंडवा निवासी कृष्णा गुप्ता व गणेश हलुवाई ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर अपनी जान की परवाह किए बगैर बगैर सुरक्षा पानी की तेज धार में उतरकर ट्रैक्टर चालक और मजदूर का जान बचाया।
दरअसल हजारीबाग जिला अंतर्गत केरेडारी थाना क्षेत्र के गरी गांव निवासी ट्रैक्टर चालक प्रदीप राम और मजदूर गौतम उरांव बोल्डर गिराकर टंडवा थाना क्षेत्र से वापस अपने गांव जा रहे थे। इसी दौरान चतरा के टंडवा कोयलांचल की लाइफ लाइन कही जाने वाली गेरुआ नदी पर बना डायवर्सन में जा रहे बाढ़ की चपेट में वे और उनकी गाड़ी आ गई।
बाढ़ के पानी का बहाव इतना तेज था कि देखते ही देखते हैं उनका ट्रैक्टर पानी में समा गया। जिसके बाद चालक और मजदूर दोनों ट्रैक्टर के डाला में चले गया और लोगों से बचाने की गुहार लगाने को ले शोर मचाने लगे। जिसके बाद मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जुट गई और सभी अपने अपने स्तर से राहत बचाव कार्य चलाने में जुट गए।
हालांकि इस दौरान प्रखंड विकास पदाधिकारी रंथु महतो और थाना प्रभारी विजय सिंह भी दल बल के साथ मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों के सहयोग में जुट गए। लेकिन लगातार हो रही बारिश के बाद नदी के बढ़ते जल स्तर व पानी के धार के सामने उनकी एक नहीं चली। जिसके बाद किसी अनहोनी की आशंका के बाद टंडवा के दोनों युवक अपने दोस्तों के साथ बहादुरी का परिचय देते हुए बिना कुछ सोचे समझे नदी के धार में उतर गए और घंटों मशक्कत के बाद रस्सी के सहारे बाढ़ में फंसे चालक व मजदूर को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
जैसे ही बाढ़ में फंसे चालक और मजदूर को बाहर निकाला गया मौके पर मौजूद लोगों ने राहत की सांस ली। इसके बाद थाना प्रभारी ने मामले की सूचना जिले के पुलिस कप्तान राकेश रंजन को दिया। सूचना मिलते ही एसपी ने एसपी राकेश रंजन ने बहादुर युवकों की प्रशंसा करते हुए उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करने के साथ-साथ उपयुक्त पाए जाने पर उनका नाम प्रधानमंत्री जीवन रक्षा पदक के लिए अनुशंसा करके भेजने की घोषणा की है।
एसपी ने बताया कि जिस विकट परिस्थिति में दोनो युवकों ने साहस का परिचय देते हुए बाढ़ में फंसे चालक और मजदूर के प्राणों की रक्षा कर उनके परिवार को खुशियां लौट आई है। यह अपने आप में समाज के लिए प्रेरणा है।