रांची में एक 37 वर्षीय रेप पीड़िता ने सीएम हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की इजाजत मांगी। यह पत्र जैसे ही अधिकारियों तक पहुंचा तो खलबली मच गई। महिला ने पत्र में लिखा कि उसके पास जीवन जीने का कोई विकल्प नहीं है। क्योंकि पुलिस स्वयं आरोपियों को बचा रही है। पीड़िता का यह पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंचा तो उस पर मुहर लगाकर शीर्ष पुलिस अधिकारियों से मामले को संज्ञान में लेने को कहा गया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता ने बताया कि उसने न्याय पाने के लिए हर स्तर पर अपनी आवाज उठाई है, लेकिन कहीं से कोई भी मदद नहीं मिली। अगर अब भी न्याय में देरी हुई और कोई बाधा दिखेगी तो मैं समझौते के साथ अपना जीवन नहीं जी पाउंगी। पीड़िता ने कहा कि इसीलिए मैंने इच्छा मृत्यु की अनुमति के लिए अपना पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंप दिया।
पीड़िता का पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय में प्राप्त होने के बाद शीर्ष पुलिस अधिकारियों से कहा गया है कि वह तत्काल प्रभाव से इस मामले को देखें और पारदर्शी तरीके से कार्रवाई करें। चार बच्चों की मां और एक विधवा ने अपने पत्र में बताया कि उसने बीते 5 फरवरी को संबंधित अपराध में आईपीसी की धाराओं 354, 376 (2) (एन), 376 (2) (एफ), 417 और 34 के तहत मामला दर्ज कराया था।
पीड़िता के मुताबिक उसने मामले में दर्ज कराई गई शिकायत में मुख्य आरोपी के तौर पर सफदर सुल्तान उर्फ सद्दाम को नामित किया है, जबकि छह अन्य लोगों को सह-आरोपी बताया है। पीड़िता महिला ने यह भी बताया है कि मुख्य आरोपी ने अदालत में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया है, लेकिन कोर्ट ने अभी तक इस पर फैसला नहीं किया है। वहीं, पुलिस ने भी इस मामले में किसी भी आरोपी को अब तक गिरफ्तार नहीं किया है।
महिला के अनुसार, मुख्य आरोपी सफ़दर सुलतान एक रसूखदार शख्स है और उसने शादी का झांसा देकर उसके साथ रेप किया। इसके अलावा आरोपी ने महिला को कई बार डराने-धमकाने की कोशिश भी की है। इस पूरे प्रकरण में महिला ने ये भी दावा किया कि आरोपी ने पुलिस को रिश्वत देकर मामले को दबाने की पूरी कोशिश की है।