कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। ब्रिटेन की एक महिला की 505 दिन तक कोरोना संक्रमित रहने के बाद मृत्यु हो गई। बताया गया कि लगातार कोरोना संक्रमित रहने के कारण उनकी इम्यूनिटी कमजोर हो गई थी, जिस कारण उनकी मृत्यु हुई। उन्हें पहली बार साल 2020 में संक्रमण हुआ था, जिसके बाद वे लगातार संक्रमित रहीं। कई बार उनका टेस्ट किया गया और हर बार उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। 16 महीनों के दौरान वे कई बार अस्पताल में भर्ती भी हुईं।
एक प्रयोगशाला विश्लेषण से पता चला कि मरीज को बार-बार कोरोना नहीं हुआ, बल्कि पहली बार संक्रमित होने के बाद वे उससे कभी ठीक ही नहीं हुई। एंटीबॉडी थेरेपी और एंटी-वायरल दवा दिए जाने के बाद भी उनका कोरोना टेस्ट एक बार भी नेगेटिव नहीं आया।
किंग्स कॉलेज लंदन और गाय्स एंड सेंट थॉमस एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट के डॉक्टरों ने इस साल लिस्बन में क्लिनिकल माइक्रोबायोलॉजी एंड इंफेक्शियस डिजीज की यूरोपीय कांग्रेस में रिपोर्ट पेश करते हुए इस मामले का जिक्र किया। इससे पहले लंबे समय तक कोरोना संक्रमित रहने का जो मामला सामने आया था, उसमें मरीज 335 दिन तक कोरोना पॉजिटिव रहा था।
यह अब तक का सबसे लंबा चलने वाला कोरोना केस
ब्रिटेन के वैज्ञानिक डॉ. ल्यूक स्नेल का कहना है कि यह अब तक का सबसे लंबा चलने वाला कोरोना केस है। उन्होंने बताया कि उनकी टीम ने कोरोना के लंबे मामलों की वजह जानने के लिए एक रिसर्च की थी। इसमें मरीजों के शरीर में वायरस से म्यूटेशंस होने और नए कोरोना वेरिएंट्स बनने की जांच की गई।
रिसर्च में कोरोना से लंबे समय तक संक्रमित रहने वाले नौ मरीजों को शामिल किया गया था। इसमें 505 दिन तक कोरोना से लड़ने वाली महिला को भी शामिल किया गया था। रिसर्च में देखा गया कि आठ हफ्तों तक किए गए टेस्ट में सभी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। शोध में शामिल सभी लोगों की इम्यूनिटी पहले से ही एचआईवी, कैंसर, ऑर्गन ट्रांसप्लांट और दूसरी बीमारियों की वजह से काफी कमजोर थी।