Jharkhand विधानसभा की कार्यवाही के दूसरे दिन झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने साफ कर दिया कि झारखंड सरकार फिलहाल पूर्ण शराबबंदी का निर्णय नहीं ले रही है और स्थानीय नीति को लेकर सरकार शीघ्र फैसला करेगी. झारखंड सरकार सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों का इस बाबत अध्ययन कर रही है. बता दें सोमवार को झारखंड विधानसभा के दूसरे दिन बीजेपी के हंगामे के साथ सत्र की शुरुआत हुई.
बीजेपी के विधायकों ने बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा देने की मांग पर बीजेपी के विधायकों ने ‘लोकतंत्र की हत्या बंद करो’ का नारा लगाया था. इस बीच प्रश्नोत्तर काल में विधायकों के सवाल के जवाब देते हुए झारखंड सरकार ने इन मुद्दों पर अपनी राय जाहिर की. बता दें कि झारखंड विधानसभा के बजट सत्र का आज दूसरा दिन है. सदन में आज तृतीय अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सोमवार को प्रश्नोत्तर काल में हेमंत सोरेन ने बजट सत्र के दौरान सदन में यह स्पष्ट कर दिया है कि झारखंड सरकार शराबबंदी लागू नहीं करेगी. सरकार के पास इस तरह का कोई प्रस्ताव नहीं है. मालूम हो कि झामुमो के विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने पिछले दिनों सदन में मुख्यमंत्री से झारखंड में शराबबंदी लागू करने की मांग की थी. मालूम हो कि झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन ने भी झामुमो के स्थापना दिवस पर शराबबंदी की वकालत की थी.
झारखंड में फिलहाल लागू नहीं होगी पूर्ण शराबबंदी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने मुख्यमंत्री प्रश्नकाल में राज्य में पूर्ण शराबबंदी की मांग की. उन्होंने कहा कि शराब के कारण घरेलू हिंसा में वृद्धि हुई है. महिला उत्पीड़न के मामले बढ़ रहे हैं. जवाब में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि फिलहाल शराबबंदी के मामला सरकार के पास विचाराधीन नहीं है. साथ ही भरोसा दिया कि महिला उत्पीड़न नहीं हो, घरेलू हिंसा पर अंकुश लगे इसपर सरकार काम कर रही है, लेकिन यह कहना कि सिर्फ शराब के कारण महिलाओं के साथ उत्पीड़न हो रहा है या घरेलू हिंसा बढ़ीं हैं, उचित नहीं है. इसके और भी कई कारण हैं.
उन्होंने कहा कि सरकार महिला असमानता को दूर करने, महिला उत्पीड़न को रोकने के लिए कई योजनाएं चला रही है. सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी काम कर रही है. फूलो झानो योजना के तहत 25 हजार महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ा गया है. ये सभी महिलाएं पहले दारू हड़िया बेंचती थी.
स्थानीय नीति पर शीघ्र फैसला लेगी सरकार
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मुख्यमंत्री ने प्रश्नकाल के दौरान आजसू विधायक लंबोदर महतो के सवाल का जवाब भी दिया. लंबोदर ने मुख्यमंत्री से 1932 के खतियान या अंतिम सर्वे के हिसाब से स्थानीय नीति की मांग कर रहे थे. लंबोदर के पूरक के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय नीति को लेकर राज्य गठन के बाद से ही लंबा आंदोलन चला. सबको ध्यान में रखकर सरकार निर्णय लेगी. बता दें कि राज्य गठन के 20 साल हो गए. 1932 की खतियान के आधार पर तत्कालीन सरकार ने स्थानीय नीति बनाई थी. जिसका पुरजोर विरोध हुआ. विवाद के बाद उच्च न्यायालय ने इसे स्थगित कर दिया है. सरकार न्यायालय के आदेश का अध्ययन कर रही है बहुत जल्द निर्णय लिया जाएगा.