टंडवा: औद्योगिक नगरी के नाम से मशहूर टंडवा प्रखंड से सटे महज तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित दुंदवा में एक ऐसा भी घर है जहां पर एक महिला अपनी जिंदगी बड़ी मुश्किल से जी रही है । जिसकी किस्मत से उनके पति का साया भी उठ चुका है और ना ही उनके कोई पुत्र हैं वह अपनी जिंदगी अकेले गुजारने को मजबूर तथा विवश है ।
विधवा यशोदा देवी पति स्वर्गीय लालो महतो है की इस परेसानी ने यशोदा की हिम्मत को पर नही तोड़ा है । बताया जाता है कि लगभग 20 वर्ष पूर्व पति का साया उठ चुका है ओर यह जिंदगी की जंग में अकेली पड़ गई है।
वही एक एक पुत्री थी जिनका विवाह 7 वर्ष पूर्व ही हो चुकी है ।और वह अकेली एक मिट्टी की घर में रहने को मजबूर थी जो बीते शनिवार रात्री को ढह गया और अब इनके रहने का छत भी इनके माथे से हट गया।साथ हीं आज तक उनके नाम का ना ही कोई एपीएल बीपीएल कार्ड का सहारा है और ना ही आज तक उन्हें सरकारी आवास मिला है।
वही जनप्रतिनिधियो की उदासीनता के कारण उन्हें कोई सरकारी लाभ नहीं मिल पाया यशोदा बयां करती है कि गरीबों का हक कहां जा रहा है।
यशोदा देवी ने बताया कि कई बार यहां के जनप्रतिनिधियों के कहने तथा ब्लॉक का चक्कर लगाते लगाते थक गई ।परंतु किसी ने आज तक सुध नहीं लिया अंततः वही उनके माथे से घर का साया भी उठ गया।अब मैं इस परिस्थिति में कहां जाऊंगी। यह यक्ष प्रशन समाज के विकास और जनप्रतिनिधियों के सामने खड़ी है ।