उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों की घोषणा के साथ नेताओं का दल-बदल शुरू हो गया है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) से दो मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं. इसी बीच भदोही विधानसभा सीट से विधायक रवींद्रनाथ त्रिपाठी के इस्तीफे की भी खबरें सोशल मीडिया में वायरल हो गईं. एक लेटर पैड पर इस्तीफा और हस्ताक्षर को वायरल किया गया. इस्तीफे की खबरों का बीजेपी विधायक रवींद्र नाथ त्रिपाठी ने खंडन किया है और उसे फर्जी बताया है. फर्जी इस्तीफा वायरल होने के बाद उन्होंने पुलिस प्रशासन से भ्रामक खबर फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
रवींद्रनाथ त्रिपाठी ने एक वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट किया और इस्तीफे की खबरों को विपक्षी दलों की साजिश करार दिया. उन्होंने लिखा, “विपक्षी पार्टियों या कुछ दलाल किस्म के लोगों द्वारा हमारे लेटर पैड को स्कैन करके उस पर कूट रचित तरीके से गलत अफवाह फैला रहे हैं जिसका मैं खंडन करता हूं. भारतीय जनता पार्टी जिंदाबाद.”
वीडियो में विधायक ने कहा, “कुछ शरारती तत्वों ने एक लेटर पैड पर हमारा इस्तीफा टाप करा कर वायरल कर दिया है. वह न तो हमारा लेटर पैड है और न ही उस पर मेरा हस्ताक्षर है. समाज में भ्रामक स्थिति पैदा करने के लिए एक षड्यंत्र के तहत यह किया गया है. मैं पुलिस प्रशासन से मांग करता हूं कि जिस आईडी से यह अपलोड किया गया है उस पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो. मैं भारतीय जनता पार्टी का एक सिपाही हूं और सिपाही के रूप में काम करता हूं.”
मुकदमा कराया दर्ज
रवींद्र नाथ त्रिपाठी ने इस मामले में थाने में तहरीर देकर FIR दर्ज कराई है. उन्होंने ट्वीट किया, “मेरा तन-मन और जीवन भाजपा परिवार को समर्पित हैं. जिन्होंने भी मेरे नाम पर फ़र्जी लैटर बनाकर अफ़वाह उड़ाई थी, उनके खिलाफ थाने में तहरीर दी हैं, जल्द उत्तर प्रदेश पुलिस, उनके स्थान विशेष की हवा हवाई बनाएगी.”
स्वामी प्रसाद मौर्य से नहीं हुई कोई बात
मंगलवार को योगी सरकार के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंत्रिपद से इस्तीफा दे दिया. उनके इस्तीफे के ठीक बाद रवींद्र नाथ त्रिपाठी का फर्जी इस्तीफा वायरल हो गया. माना जा रहा था कि स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ ही रवींद्र नाथ त्रिपाठी बीजेपी छोड़ सकते हैं. लेकिन अब उन्होंने यह कहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य से उनकी कई महीनों से बातचीत नहीं हुई. न्यूज एजेंसी ANI के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, “मेरा तन, मन व जीवन BJP को समर्पित है. मेरा लेटर पैड इस्तेमाल कर साज़िश के तहत इसे वायरल किया गया है, मैं इसकी तहक़ीक़ात कराऊंगा. ये भ्रामक स्थिति फैलाई गई है. सदन के अलावा स्वामी प्रसाद मौर्या के साथ 7-8 महीने से मेरी कोई वार्ता नहीं हुई है.”