ज्ञानवापी मामले पर मुस्लिम पक्ष को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, सर्वे में दखल से इनकार, 19 मई को अगली सुनवाई

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वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) मामले में सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी की सिविल कोर्ट को मामले का जल्द निपटारा करने के आदेश दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा है कि निचली अदालत से फैसला आने के बाद हम सुनवाई करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मामले की सुनवाई अब 19 मई तक के लिए स्थगित कर दी गई. मामले पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि हम निचली अदालत को मामले का निपटारा करने का निर्देश देते हैं और इसके बाद ही मामले पर सुनवाई करेंगे. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि आपने 'स्टेटस ऑफ वर्शिप एक्ट' को आधार बनाया है. ऐसे में हम निचली अदालत को आदेश देते हैं. कोर्ट ने यह भी पूछा कि अभी सर्वे का क्या स्टेटस है.

इस पर मस्जिद कमेटी के वकील हुजैफा अहमदी ने कहा कि अदालत को पूरी प्रक्रिया पर पहले रोक लगानी चाहिए. वकील ने कहा कि यह एक्ट का उल्लंघन है. वकील ने कहा यह सभी आदेश गलत हैं. इसलिए पहले यथास्थिति का आदेश इस अदालत को करना चाहिए. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि आपने स्टेटस ऑफ वर्शिप एक्ट को आधार बनाया है. ऐसे में हम निचली अदालत को आदेश देते हैं. कोर्ट ने पूछा कि अभी सर्वे का क्या स्टेटस है. वकील ने फिर यथा स्थिति का आदेश जारी करने कि मांग कि और कहा कि एक्ट के सेक्शन थ्री को अयोध्या मामले में अदालत ने बरकरार रखा था.

वकील ने कहा कि उस आधार पर यथास्थिति का आदेश होना चाहिए. वकील ने कोर्ट से कहा कि आप प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट का सेक्शन थ्री देखें. अदालत में यूपी सरकार कि तरफ से वकील ने बताया कि हरीशंकर जैन पेश हुए थे, लेकिन उनकी तबीयत ठीक नहीं है. इस पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने पूछा कि निचली अदालत में कौन वकील पेश हुआ. मस्जिद कमेटी के वकील ने कहा कि पूजा कि मांग वाला सूट निचली अदालत को नहीं स्वीकार करना चाहिए था. वकील ने कहा कि निचली अदालत ने प्रतिवादी के पक्ष में आदेश जारी कर दिया, जबकि कोर्ट कमिश्नर कि रिपोर्ट नहीं दाखिल हुई है.

इस बीच, वाराणसी कोर्ट ने कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा को हटा दिया है. बाकी दो कमिश्नर को सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 2 दिन की मोहलत दी गई है. सिविल कोर्ट के जज रवि कुमार दिवाकर के समक्ष कोर्ट कमिश्नर ने रिपोर्ट पेश करने के लिए दो दिन का समय मांगा था. दूसरी तरफ मस्जिद कमेटी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. मुस्लिम पक्ष की दलील है कि सर्वे का आदेश ही अनुचित है. बता दें कि सोमवार को सर्वे के बाद हिंदू पक्ष के एक वकील ने कहा था कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में एक शिवलिंग मिला है. शिवलिंग मिलने के दावे के बाद विश्व वैदिक सनातन संघ के अध्यक्ष जीतेन्द्र सिंह बिसेन ने कहा कि जिस प्लॉट पर हमारा कब्जा है, वहीं शिवलिंग मिला है. इसलिए अब हम इंतजार नहीं करेंगे और जल्द से जल्द मंदिर निर्माण का काम शुरू करेंगे.

इस मामले में ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि वह ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण से आहत हैं और 1991 के उच्चतम न्यायालय के फैसले की अनदेखी की गई है. हैदराबाद लोकसभा सीट से सांसद ओवैसी ने कहा कि वह ज्ञानवापी मस्जिद मुद्दे पर बोलना जारी रखेंगे क्योंकि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी या उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से नहीं डरते हैं.

वाराणसी की कोर्ट में आज पेश नहीं की रिपोर्ट

वाराणसी की स्थानीय अदालत के निर्देश पर 17 मई को सर्वे रिपोर्ट पेश की जानी थी. लेकिन कोर्ट कमिश्नरों में से एक अजय प्रताप सिंह का कहना है कि आज रिपोर्ट पेश कर पाना संभव नहीं होगा. रिपोर्ट पेश करने के लिए अदालत से दूसरी तारीख की मांग करेंगे. इस बीच एक और कोर्ट कमिश्नर का कहना है कि रिपोर्ट तैयार है, लेकिन दोबारा जांच की जाएगी. उन्होंने कहा कि हम कोर्ट में एप्लिकेशन देकर समय की मांग करेंगे. पूरी रिपोर्ट तैयार करने के लिए हम 2-3 दिन का समय और मांगेंगे

हिन्दू पक्ष का मस्जिद परिसर में शिवलिंग मिलने का दावा

सोमवार को सर्वे के बाद हिंदू पक्ष के एक वकील ने कहा था कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में एक शिवलिंग मिला है. शिवलिंग मिलने के दावे के बाद विश्व वैदिक सनातन संघ के अध्यक्ष जीतेन्द्र सिंह बिसेन ने कहा कि जिस प्लॉट पर हमारा कब्जा है, वहीं शिवलिंग मिला है. इसलिए अब हम इंतजार नहीं करेंगे और जल्द से जल्द मंदिर निर्माण का काम शुरू करेंगे. वहीं, मुस्लिम पक्ष शिवलिंग मिलने के दावे को गलत ठहरा रहा है. उसका कहना है कि मुगल काल की मस्जिदों में वजू खाने के अंदर फव्वारा लगाए जाने की परंपरा रही है. उसी का एक पत्थर आज सर्वे में मिला है, जिसे शिवलिंग बताया जा रहा है.

हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 20 मई को

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद विवाद से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई 20 मई तक के लिए टाल दी है. जस्टिस पांड्या की सिंगल बेंच ने मामले की सुनवाई की. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने 20 मई को सुनवाई की अगली तारीख तय की है. उस दिन याची पक्ष यानी अंजुमन इंतजामिया अपना पक्ष प्रस्तुत कर

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