पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में तृणमूल कांग्रेस के नेता भादू शेख की हत्या के इलाके में हिंसा फैल गई थी। इसके बाद बोगतुई गांव में हुई आगजनी की घटना में दस लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। मरने वालों में आठ लोग एक ही परिवार के थे। हालांकि, अब इस मामले में सामने आई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि इन आठ लोगों की मौत से पहले बेरहमी से पिटाई की गई थी।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बीरभूम जिले के बोगतुई गांव में हुए नरसंहार से पहले तीन महिलाओं और दो बच्चों समेत आठ लोगों को बेरहमी से पीटा गया था। इन लोगों के साथ पिटाई की पुष्टि सामने आई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हुआ है। रामपुरहाट अस्पताल के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि मंगलवार तड़के अज्ञात लोगों द्वारा कथित तौर पर आग लगाने के चलते घरों के अंदर से जले हुए शव मिले थे।
अस्पताल के अधिकारी ने बताया कि घटना के बाद इन सभी शवों का परीक्षण किया गया। इसमें फोरेंसिक विशेषज्ञों ने अपने प्रारंभिक निष्कर्षों में पाया कि इन पीड़ितों को पहले बुरी तरह पीटा गया था और फिर आग के हवाले कर दिया गया था। बता दें कि बीरभूम जिले के रामपुरहाट ब्लॉक के अंतर्गत आने बोगतुई गांव से आने वाले तृणमूल कांग्रेस के नेता भादू शेख की कथित तौर पर सोमवार शाम बदमाशों ने नृशंस हत्या कर दी थी।
इसके बाद इलाके में हिंसा फैल गई थी जिसमें गांव के कुछ घरों को आग के हवाले कर दिया गया था। इस घटना में 10 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी जबकि दो बच्चों, तीन महिलाओं समेत आठ लोग एक ही परिवार के थे। डीजीपी मनोज मालवीय ने बताया था कि मामले में 22 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। साथ ही एडीजी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया था।
वहीं, कलकत्ता हाई कोर्ट ने भी हिंसा मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए बंगाल सरकार को गुरुवार को दोपहर दो बजे तक हिंसा मामले में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था। साथ ही गृह मंत्रालय ने भी बंगाल की ममता बनर्जी सरकार से 72 घंटे के अंदर रिपोर्ट तलब करने को कहा है। ज्ञात हो कि इस घटना के बाद सियासी गलियारों में भी हल्ला मच गया था और भाजपा ने मुख्यमंत्री से इस्तीफे के साथ मामले में केंद्रीय एजेंसियों से जांच की मांग की थी।