सीबीआई ने आम्रपाली लेजर वैली डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और उसके निदेशक अनिल शर्मा सहित कुछ अन्य लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है। शुक्रवार (20 मई 2022) को अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार CBI ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र और आंध्रा बैंक से 230 करोड़ रुपए से ज्यादा की धोखाधड़ी के लिए आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ फ्रॉड केस दर्ज किया है।
एफ़आईआर में आरोप लगाया गया है कि बैंकों ने उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में टेक जोन IV में 1.06 लाख वर्ग मीटर की जमीन पर हाउसिंग बिल्डिंग बनाने के लिए लोन को मंजूरी दी थी। 31 मार्च, 2017 आम्रपाली लेजर वैली डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के अकाउंट को नॉन परफॉर्मिंग असेट घोषित कर दिया गया। बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने आरोप लगाया था कि कंपनी की वजह से बैंक को 230.97 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है।
करोड़ों रुपए का डायवर्जन: आम्रपाली ग्रुप के कुछ फ्लैट खरीदारों ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में वादा किए गए फ्लैटों की डिलीवरी न होने के कारण सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कंपनी ने यहां 42,000 फ्लैट बनाने और बेचने का वादा किया था। सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी के मामलों में फोरेंसिक ऑडिट का आदेश दिया था। जिसके बाद यह सामने आया कि आम्रपाली ग्रुप ने अलग-अलग कंपनियों – आम्रपाली लेजर वैली डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, आम्रपाली होम्स प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, अल्ट्रा होम कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड और आम्रपाली ग्रैंड के जरिए 5,619 करोड़ रुपए डायवर्ट किए थे।
CBI ने आम्रपाली के ठिकानों पर की छापेमारी: CBI ने शुक्रवार (20 मई) को आम्रपाली के ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान CBI ने आम्रपाली बिल्डर की ओर से ट्रांसफर किए गए करोड़ों रुपयों की फाइलें खंगालीं। CBI ने ये कार्रवाई बिल्डर के नोएडा, बिहार, झारखंड, दिल्ली समेत 29 ठिकानों पर की। इस मामले में ED और EOW भी जांच कर रही हैं। CBI ने नोएडा के सेक्टर-44 में आम्रपाली सोसायटी के ऑफिस में छापेमारी की।