सारे जहां से अच्छा’ लिखने वाले पाकिस्तान के राष्ट्र कवि मोहम्मद इकबाल के चैप्टर को दिल्ली यूनिवर्सिटी ने अपने सिलेबस में से हटा दिया। शुक्रवार को मैराथन बैठक के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय की अकादमकि काउंसिल की बैठक में यह फैसला लिया गया। इस बैठक में कवि इकबाल को पाठ्यक्रम से हटाने के लिए पॉलिटिकल साइंस के पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया। इसके साथ ही गांधी पर आधारित एक पेपर को चौथे से सातवें सेमेस्टर में जोड़ा गया।
दिल्ली विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद ने कुछ सदस्यों की असहमति के बावजूद चार साल के एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम को लागू करने जैसे कुछ विवादास्पद प्रस्तावों सहित कई अन्य प्रस्तावों को भी मंजूरी दी है। अधिकारियों ने बताया कि परिषद ने बीए राजनीति विज्ञान पाठ्यक्रम से पाकिस्तान के राष्ट्र कवि मोहम्मद इकबाल पर लिखे गए एक अध्याय को खत्म करने सहित कई पाठ्यक्रमों में बदलाव के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की। जिस पर कार्यकारी परिषद अंतिम फैसला लेगी।
छह सदस्यों ने प्रस्ताव पर जताई असहमति
अकादमिक परिषद के छह सदस्यों ने प्रस्ताव के खिलाफ असहमति जताते हुए कहा कि इस संबंध में शिक्षकों से कोई परामर्श नहीं किया गया। काउंसिल के सदस्य सदस्य मिठुराज धुसिया ने कहा कि केंद्र का प्रस्ताव विभाजनकारी है। इससे भड़काऊ और सांप्रदायिक भाषणों को बढ़ावा मिलेगा। काउंसिल की बैठक स्पोर्ट्स और एक्सट्रा करिकुलर एक्टिविटीज (ECA) के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए आयोजित की गई थी।
अकादमिक परिषद के एक सदस्य ने कहा, ‘राजनीति विज्ञान के पाठ्यक्रम में बदलाव के संबंध में एक प्रस्ताव लाया गया था। प्रस्ताव के मुताबिक, इकबाल पर एक चैप्टर था, जिसे पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है।’ इस बीच, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने इस घटनाक्रम का स्वागत किया है।
अकादमिक परिषद की सदस्य माया जॉन ने बताया, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सदस्यों की असहमति के बावजूद एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (ITEP) पारित किया गया। हम हितधारकों के हितों की रक्षा के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।’ माया जॉन उन सदस्यों के समूह का हिस्सा थीं, जिन्होंने प्रस्ताव के खिलाफ असहमति जताई थी। ITEP अब B.El.Ed. कार्यक्रम की जगह लेगा, जिसे 1994 में पेश किया गया था. दिल्ली विश्वविद्यालय एकमात्र विश्वविद्यालय था जिसका अपना एकीकृत चार वर्षीय कार्यक्रम था।
कौन हैं मोहम्मद इकबाल
अविभाजित भारत के सियालकोट में 1877 में जन्मे मोहम्मद इकबाल ने प्रसिद्ध गीत ‘सारे जहां से अच्छा’ लिखा था। उन्हें अक्सर पाकिस्तान का विचार देने का श्रेय दिया जाता है। इकबाल उर्दू और फारसी शायरों में से एक थे। बंटवारे के बाद इकबाल पाकिस्तान चले गए थे।