कुछ दिनों पहले केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति भवन में स्थित मुगल गार्डन का नाम बदलकर ‘अमृत उद्यान’ रखा है। सरकार के इस फैसले का कुछ लोगों ने विरोध किया तो एक बड़ी संख्या में लोग इसके समर्थन में भी दिखे। इससे पहले भी यूपी सहित अन्य राज्यों में कई शहरों, सड़क, स्टेशन आदि का नाम बदला गया है।
नाम बदलने की इस रीत के बीच अब सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। जिसमें याचिकाकर्ता ने शहरों-सड़कों आदि का नाम बदलने के लिए नामकरण आयोग (Renaming Commission) बनाने की मांग की है। अश्विनी उपाध्याय नामक एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट में नामकरण आयोग के गठन के याचिका दाखिल की है। जिसमें याचिकाकर्ता ने कई शहरों के पुराने और वर्तमान नाम और उसके नामकरण की कहानी का जिक्र भी किया है।
संविधान के अनुच्छेद 21,25 और 29 का दिया हवाला-
याचिकाकर्ता ने दलील दी कि भारत में कई शहर, इमारत, सड़क, संस्थानों के नाम विदेशी आक्रमणकारियों के नाम पर है। जिन्हें बदलकर उन शहरों, इमारतों, सड़कों और संस्थानों को पुराने नाम से पुकारा जाना चाहिए। याचिकाकर्ता ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21,25 और 29 का हवाला देते हुए ऐतिहासिक गलतियों के सुधार की बात कही है।
पीएलआई में याचिकाकर्ता ने करीब 100 शहर, इमारत, सड़क आदि के नाम गिनाए हैं। मुगल गार्डन को अमृत उद्यान किए जाने के फैसले का स्वागत करते हुए याचिकाकर्ता ने औरंगजेब रोड, औरंगाबाद, इलाहाबाद, राजपथ सहित अन्य के नामों में बदलाव कर उन्हें स्वदेशीकरण करने की मांग की है।
दिल्ली के कण-कण में महाभारत, लेकिन उस दौर के किरदारों को नहीं दी गई अहमियत
याचिकाकर्ता ने पीएलआई में लिखा है कि दिल्ली का महाभारत काल से जुड़ा विस्तृत इतिहास है। लेकिन महाभारत काल के किरदारों को दिल्ली में कोई अहमियत नहीं दी गई है। याचिका में लिखा कि भगवान कृष्ण और बलराम के आशीर्वाद से पांडवों ने खांडवप्रस्थ (निर्जन भूमि) को इंद्रप्रस्थ (दिल्ली) में परिवर्तित किया। लेकिन उनके नाम पर एक भी सड़क, नगरपालिका वार्ड, गांव या विधानसभा क्षेत्र का नाम नहीं है।
याचिका में जिन शहरों के नए और पुराने नामों का जिक्र हैं उनमें बिहार के बेगूसराय, मुजफ्फरपुर, बिहार शरीफ, जमालपुर, दरभंगा, आदि कई नाम शामिल हैं। याचिकाकर्ता के अनुसार अजातशत्रु नगर का नाम बर्बर बेगू के नाम रखा गया, जो अब बेगूसराय के नाम से जाना जाता है।
नालंदा विहार का नाम शरीफुद्दीन के नाम पर रखते हुए उसे बिहार शरीफ किया गया। दरभंगा (द्वारबंग) का नाम बदलकर दरभंग खान के कारण दरभंगा कर दिया गया। सिंहजनी का नाम जमाल बाबा के नाम पर बदलकर जमालपुर कर दिया गया. विदेहपुर का नाम बर्बर मुजफ्फर खान के नाम मुजफ्फरपुर किया गया।