चीनी गुब्बारे की हवा निकालेगा DRDO का तपस ड्रोन, भारत ने तैयार किया चीन की बलून कॉन्सपिरेसी का काउंटर प्लान

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अमेरिका द्वारा चीन के स्पाई बलून को मार गिराने के बाद भारत समेत कई देशों पर चीन की अपने ऐसे स्पाई बलूंस के जरिए निगरानी की खबरें सामने आई हैं। भारत ने चीन की चालबाजी से निपटने के लिए पहले ही अपना काउंटर प्लान तैयार कर हवाई और समुद्री सीमाओं पर सर्विलेंस बढ़ा दिया है। चीन के बदलते तरीकों से अपने इंपॉर्टेंट इंफॉर्मेशन और डेटा को बचाने के लिए भारत ने आधुनिकतम तकनीक के जरिए काउंटर बलून योजना लागू कर दी है। इसके तहत पूर्वी छोर पर नॉर्दन बॉर्डर से लेकर दक्षिण में अंडमान तक अपनी निगरानी को बढ़ाने और चीन की जासूसी को रोकने के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसी में से एक है डीआरडीओ द्वारा तैयार किया गया तपस ड्रोन जो अब तक का सबसे ज्यादा ऊंचाई और एंडोरेंस वाला ड्रोन है जो चीन के गुब्बारे समेत किसी भी सर्विलेंस डिवाइस का पता लगाकर उसे खत्म कर सकता है।

यह है तपस का पूरा नाम
तपस (TAPAS) का पूरा नाम टेक्टिकल एयरबॉर्न प्लेटफॉर्म फॉर एरियल सर्विलांस बेयॉन्ड होराइजन (Tactical Airborne Platform for Aerial Surveillance-Beyond Horizon) है। अगले हफ्ते बेंगलुरु में शुरू होने वाले एरो इंडिया में पहली बार दुनिया तपस की उड़ान देखेगी। कपास अब तक का सबसे ताकतवर स्वदेशी ड्रोन है जो पल भर में दुश्मन का खात्मा कर सकता है इसकी निगरानी की क्षमता भी पहले से कई गुना ज्यादा है।यह एक मानव रहित यान (UAV) है जो अगले हफ्ते लोगों की नजरों के सामने उड़ान भरता नजर आएगा।

तपस के साथ घातक भी जल्द होगा तैयार
तपस ड्रोन (Tapas BH-201) के अलावा डीआरडीओ 330 अलग-अलग मिसाइल सिस्टम, ड्रोन और हथियारों की प्रदर्शनी लगाएगा जिसमें तमाम ऐसे डिवाइसेज होंगे जो जमीन और समुद्री सीमा पर दुश्मन की जासूसी को रोकने में सक्षम हैं। तपस के साथ डीआरडीओ स्वदेशी युद्धक ड्रोन घातक को भी तैयार कर रहा है जो इस साल जून-जुलाई में अपनी पहली उड़ान भरने के लिए तैयार हो जाएगा।

चीनी गुब्बारे की हवा ऐसे निकालेगा तपस
तपस (TAPAS) का पूरा नाम टेक्टिकल एयरबॉर्न प्लेटफॉर्म फॉर एरियल सर्विलांस बेयॉन्ड होराइजन (Tactical Airborne Platform for Aerial Surveillance-Beyond Horizon) है। इसे डीआरडीओ ने तैयार किया है। TAPAS ड्रोन केवल सीमाओं पर निगरानी रखने ही नहीं, बल्कि दुश्मनों पर हमला करने के लिए भी इस्तेमाल में लाया जा सकता है। 2016 से ही तपस का उत्पादन शुरू किया जा चुका है। माना जा रहा है कि जल्द ही तपस को भारतीय सेना अपनी संवेदनशील सीमाओं पर तैनात कर देगी।

तपस ड्रोन 28 हजार फीट की ऊंचाई पर 18 घंटे से ज्यादा की उड़ान भर सकता है। इतने लंबे इंड्योरेंस वाला यह पहला स्वदेशी ड्रोन है। तपस एक मीडियम एल्टीट्यूट लॉन्ग-इंड्यूरेंस (MALE) ड्रोन है, जो अमेरिका के MQ-1 प्रीडेटर ड्रोन जैसा ही है। तपस अपने आप ही टेकऑफ और लैंड करने की क्षमता रखने वाला ड्रोन है। तपस ड्रोन को पहले रुस्तम-2 के नाम से पुकारा जाता था, जिसकी अधिकतम रफ्तार 224 किलोमीटर प्रतिघंटा थी। 20.6 मीटर के विंग स्पैन वाला तपस ड्रोन लगातार 1000 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है। तपस ड्रोन दिन और रात दोनों में ही निगरानी के लिए इस्तेमाल हो सकता है।

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