महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे अपने समर्थक विधायकों के साथ गुजरात के सूरत से असम के गुवाहाटी पहुंच गए हैं। वहीं उन्होंने दावा किया है कि उनके साथ 40 विधायक हैं। मंगलवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने डैमेज कंट्रोल की कोशिश की और अपने सहयोगी मिलिंद नार्वेकर को शिंदे से मिलने के लिए सूरत भेजा। इस दौरान मिलिंद नार्वेकर ने शिंदे की उद्धव ठाकरे से बात कराई लेकिन एकनाथ शिंदे ने वापस आने से मना कर दिया।
उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच करीब 10 मिनट तक बातचीत हुई और इस दौरान उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को मनाने का भरपूर प्रयास किया। सूत्रों ने बताया कि बातचीत के दौरान जब उद्धव ठाकरे ने उनसे पुनर्विचार करने और वापस लौटने को कहा, तो एकनाथ शिंदे ने मांग करते हुए कहा कि शिवसेना भाजपा के साथ अपने गठबंधन की फिर शुरूवात करे और संयुक्त रूप से महाराष्ट्र पर शासन करे। हालांकि अभी तक इस बातचीत का कोई समाधान नहीं निकला है।
एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा था, “बालासाहेब ने हमें हिंदुत्व सिखाया है। बालासाहेब के विचारों और धर्मवीर आनंद दिघे साहब की शिक्षाओं के संबंध में हमने सत्ता के लिए कभी धोखा नहीं दिया है और न ही कभी देंगे।” वहीं गुवाहाटी पहुंचने पर एकनाथ शिंदे ने मीडिया से कहा, “कुल 40 शिवसेना विधायक हमारे साथ मौजूद हैं। हम बालासाहेब ठाकरे के हिंदुत्व को आगे बढ़ाएंगे।”
वहीं एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को शिवसेना और सत्तारूढ़ एमवीए के नेताओं के भीतर बढ़ती चिंता के बारे में चेतावनी दी थी और संभावित विद्रोह की ओर भी इशारा किया था। शरद पवार ने उद्धव ठाकरे को चेतावनी दी थी और उन्हें सलाह दी थी कि वे अपनी पार्टी के नेताओं और एमवीए के अन्य मंत्रियों से मिलना शुरू करें।
वहीं ऐसी भी जानकारी सामने आ रही है कि एकनाथ शिंदे की 2 दिन पहले ही विधान परिषद चुनाव के पहले संजय राउत और आदित्य ठाकरे के साथ तीखी नोकझोंक भी हुई थी। शिंदे शिवसेना विधायकों द्वारा कांग्रेस को समर्थन दिए जाने के पक्ष में नहीं थे।