पीएम नरेंद्र मोदी 16 नवंबर को सुल्तानपुर में आने वाले हैं। वो पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करने आ रहे हैं। लिहाजा यूपी सरकार इस प्रोग्राम की तैयारी अभी से करने में जुट गई है। पीएम के सामने भारी भीड़ दिखे, इसे लेकर भी यूपी सरकार के तमाम महकमों ने कमर कस ली है। इसे लेकर सुल्तानपुर के जिला मजिस्ट्रेट ने राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक को बाकायदा एक चिट्ठी भी जारी कर दी है। कुल मिलाकर पीएम की सभा के लिए दो लाख की भीड़ जुटाने की तैयारी में सारे सरकारी महकमे शिद्दत से जुट गए हैं।
छह नवंबर को जारी चिट्ठी में डीएम रवीश गुप्ता ने लिखा है कि पीएम मोदी के कार्यक्रम में भीड़ को जनसभा स्थल तक ले जाने के लिए परिवहन निगम 2 हजार बसों का इंतजाम करे। इसके लिए 70% बसें सुल्तानपुर से और बाकी की 30% अंबेडकर नगर और अयोध्या से भेजी जानी हैं। रवीश गुप्ता का कहना है कि बसों की मांग जरूर की है, लेकिन यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण यानी UPEIDA करा रहा है। भुगतान इसलिए भी वही करेगा।
उधर, सूत्रों का कहना है कि 400 किमी. तक एक दिन का एक रोडवेज बस का खर्च करीब 24 हजार रुपए होता है। इस हिसाब से देखा जाए तो बसों के आवागमन में करीब 5 करोड़ का खर्च आएगा। राजस्व की क्षति पूर्ति कौन करेगा इसका जवाब कोई अधिकारी फिलहाल नहीं दे रहा। सबने चुप्पी साध रखी है। औद्योगिक विकास प्राधिकरण के प्रमुख अनिल पांडेय का कहना है कि जिलाधिकारी के जरिए से बसों की जो डिटेल आएगी, उसका पेमेंट होगा। यूपीडा कोई भी पेमेंट डायरेक्ट नहीं करता।
हालांकि, इस बात का जवाब कोई महकमा या अधिकारी देने को तैयार नहीं कि पीएम की सभा के लिए आम लोगों के पैसे का बेजा इस्तेमाल क्यों किया जा रहा है। कुछ सरकारी अफसरों ने दबी जुबान में इसे गलत तो माना लेकिन उनका कहना है कि इसके खिलाफ आवाज कौन उठाए। डीएम अपने स्तर से कुछ नहीं कर रहे। उन्हें भी ऊपर से फरमान आया होगा। यूपीडा भी इस फैसले को नहीं टाल सकता, क्योंकि महकमे के एमडी को पता होगा कि ऐसा करने पर परिणाम भुगतना पड़ सकता है।
ध्यान रहे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 नवंबर को पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का उद्घाटन करेंगे। 340.824 किमी लंबा ये एक्सप्रेस-वे पूर्वी और पश्चिमी यूपी को जोड़ेगा। एक्सप्रेस वे चंदन सराय गांव से शुरू होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी में सत्ता संभालने के बाद पूर्वांचल में विकास को रफ्तार देने के लिए लखनऊ से आजमगढ़ होते हुए गाजीपुर तक सिक्स लेन के के पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का निर्माण शुरू करवाया था। इस एक्सप्रेसवे की लम्बाई 340.824 किमी है और इसे भविष्य में आठ लेन का किया जा सकता है।