इस राज्य में 50 सालों से जुम्मे के दिन होती थी स्कूलों की छुट्टी, अब बदला नियम तो मचा बवाल

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स्कूल की छुट्टी का दिन बदलने के एक फैसले ने लक्षद्वीप प्रशासन (Lakshadweep  Administration) के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है. भारत के इस केंद्रशासित प्रदेश (Union Territory) में बीते कई दशकों से हर शुक्रवार को ही स्कूलों की छुट्टी हुआ करती थी, जैसे बाकी हिस्सों में रविवार को होती है. लेकिन अब मौजूदा सरकार ने इसे बदल दिया है. लक्षद्वीप शिक्षा विभाग (Lakshadweep Education Department) द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार, अब से देश के बाकी हिस्सों की तरह ही लक्षद्वीप में भी हर रविवार को ही स्कूलों की छुट्टी रहेगी.

नए शेड्यूल के अनुसार, लक्षद्वीप के स्कूल अब सप्ताह में 6 दिन संचालित किए जाएंगे. सभी रविवार को अवकाश रहेगा. इसके अलावा सोमवार से लेकर शनिवार तक प्रतिदिन कक्षाओं का समय सुबह 9.30 बजे से लेकर दोपहर 12.30 बजे तक और फिर दोपहर 1.30 बजे से लेकर शाम 4.30 बजे तक रहेगा. यानी दो सेशन में क्लासेज़ होंगी. हर सेशन में चार पीरियड्स होंगे.

लेकिन सरकार के इस फैसले का पुरजोर विरोध हो रहा है. इस फैसले को लेकर लक्षद्वीप प्रभारी कांग्रेस नेता तारिक़ अनवर (Tariq Anwar) ने सरकार पर निशाना साधा है. तारिक़ अनवर ने कहा कि ‘लक्षद्वीप में पिछले 50 सालों से स्कूलों में जुम्मा के दिन शुक्रवार को छुट्टी देने की व्यवस्था थी. बच्चे उस दिन नमाज़ भी पढ़ते थे. लेकिन वहां के प्रशासक आरएसएस के आदमी हैं, गुजरात की सरकार में मंत्री रहे हैं. प्रशासक जिस पृष्टभूमि से आते हैं उनसे ऐसी ही उम्मीद की जा सकती है, जो आरएसएस कहेगा वो वही करेंगे.’

उन्होंने कहा कि ‘देश में हर व्यक्ति को अपने धर्म के अनुसार चलने की इजाज़त है. लक्षद्वीप में 98-99 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है. इस तरह का फैसला लेने से पहले वहां के चुने हुए प्रतिनिधियों को विश्वास में लेना चाहिए था.’

लक्षद्वीप के एनसीपी सांसद मोहम्मद फैज़ल (Mohammad Faizal Lakshadweep) ने कहा कि ‘ऐसा फैसला लेने से पहले किसी भी स्कूल प्रबंधि समिति (School Management Committee) से चर्चा नहीं की गई. न ही पंचायत, न मुझसे इस मुद्दे पर कोई सलाह ली गई. सवाल ये है कि यब फैसला किसने लिया और किससे पूछ कर. लक्षद्वीप में करीब 50 साल से शुक्रवार को स्कूलों की छुट्टी होती थी, तो इसे अचानक बदलने की क्या जरूरत थी?’

‘मो. फैज़ल ने कहा कि लक्षद्वीप के कई स्कूलों में 100 से ज्यादा शिक्षकों की कमी है. प्राइमरी से लेकर टीजीटी, पीजीटी सभी स्तर पर मुख्य विषय पढ़ने के लिए भी टीचर्स नहीं हैं. फरवरी में परीक्षाएं आने वाली हैं और बच्चों को मैथ्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी जैसे विषयों तक की पढ़ाई नहीं कराई गई है. अगर कुछ बदलना था, तो इसे लेकर कोई सुधार करते.’

लक्षद्वीप जिला पंचायत के वीपी कम काउंसलर पीपी अब्बास (PP Abbas) ने लक्षद्वीप एडमिनिस्ट्रेटर (Lakshadweep Administrator) प्रफुल खोड़ा पटेल (Praful Khoda Patel) को चिट्ठी लिखकर नए आदेश पर फिर से विचार करने की अपील की है. इसके लिए उन्होंने स्टूडेंट्स और पैरेंट्स की भावनाओं का हवाला दिया है. कहा है कि ‘लक्षद्वीप की बड़ी आबादी मुस्लिम है और वे शुक्रवार को धार्मिक स्थलों पर नमाज़ पढ़ते हैं.’

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