प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जम्मू-कश्मीर दौरे से पहले एक ओर सरपंच की हत्या कर दी गई है। उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिले के पट्टन में आतंकियों ने सरपंच मंजूर अहमद बांगरू की गोली मारकर हत्या कर दी। गोलियों से छलनी सरपंच मंजूर अहमद बांगरू का शरीर एक सेब के बगीचे में पड़ा मिला। घटना के बाद सुरक्षा बलों ने दहशतगर्दों की तलाश में पूरे इलाके को घेरकर तलाशी अभियान छेड़ दिया है। पुलिस ने हमलावरों के बारे में कुछ सुराग लगने का दावा किया है। खबरों के अनुसार, ‘कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स’ समूह ने सरपंच की हत्या की की जिम्मेदारी ली है।
सेब के बगीचे में खून से लथपथ पड़े हुए थे सरपंच
पुलिस के अनुसार, शुक्रवार की शाम स्थानीय लोगों ने सूचना दी कि पट्टन के गोशबुग इलाके में सेब के एक बगीचे में सरपंच मंजूर अहमद बांगरू खून से लथपथ पड़े हुए हैं। बांगरू को अस्पताल ले जाया गया, पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वह निर्दलीय निर्वाचित हुए थे।
उप—राज्यपाल सहित कई राजनीतिक पार्टियों ने की हत्या की निंदा
उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा और राजनीतिक पार्टियों ने इस हत्या की कड़ी निंदा की। उप राज्यपाल सिन्हा ने कहा कि मैं सरपंच मंजूर अहमद बांगरू पर हुए हमले की कड़ी आलोचना करता हूं। इस घृणित कृत्य करने के दोषियों को दंडित किया जाएगा। मेरी संवेदनाएं शोक के इस समय में पीड़ित परिवार के साथ है।
इस महीने छठी घटना
आपको बता दें कि जम्मू—कश्मीर में आतंंकी आम नागरिकों और गैर कश्मीरी को लगातार निशाना बना रहे है। इस महीने हमले की यह छठी घटना है। इन घटनाओं में अब तक आठ लोगों को निशाना बनाया गया है। तीन अप्रैल को पुलवामा के लिट्टर इलाके में पोल्ट्री वाहन के पठानकोट निवासी चालक-खलासी, पुलवामा के लोजूरा में चार अप्रैल को बिहार निवासी दो मजदूर, चार अप्रैल को ही शोपियां के छोटीगाम में कश्मीरी पंडित दवा कारोबारी बाल कृष्ण, सात अप्रैल को पुलवामा के याडर में पठानकोट निवासी एक मजदूर को आतंकियों ने गोली मारकर घायल कर दिया। 13 अप्रैल को राजपूत परिवार के एक व्यक्ति की आतंकियों ने हत्या कर दी। अब उत्तरी कश्मीर में एक सरपंच को आतंकियों ने निशाना बनाया।