छत्तीसगढ़ के रायपुर में रावणभाठा मैदान में आयोजित धर्म संसद में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को अपशब्द कहने वाले कालीचरण महाराज को मध्य प्रदेश के खुजराहो से गिरफ्तार कर लिया गया है। बता दें कि उनकी तलाश कई दिनों से जारी थी। उनके खिलाफ छत्तीसगढ़ से लेकर महाराष्ट्र तक मामले दर्ज हो चुके हैं। महाराष्ट्र पुलिस काफी दिनों से कालीचरण महराज की खोज कर रही थी।
बता दें कि रायपुर में 25 और 26 दिसंबर को धर्म संसद आयोजित की गई थी। इसको लेकर आरोप लगा था कि इसमें कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की तारीफ की थी और महात्मा गांधी पर अभद्र टिप्पणी की थी।
कालीचरण महाराज की टिप्पणी पर छत्तीसगढ़ में सत्ताधारी दल कांग्रेस के नेताओं ने नाराजगी जताई थी। वहीं इस मुद्दे को महाराष्ट्र विधानसभा में भी उठाया गया था। जहां शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार ने कालीचरण के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया था।
बागेश्वर धाम के पास किराए के मकान से गिरफ्तारी: बता दें कि रायपुर जिले के पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने गुरुवार को जानकारी दी कि कालीचरण महाराज को मध्यप्रदेश के खजुराहो शहर से लगभग 25 किलोमीटर दूर बागेश्वर धाम के पास किराए के मकान से गिरफ्तार किया गया है।
सीएम भूपेश बघेल ने क्या कहा: कालीचरण महराज की गिरफ्तारी पर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा, “ऐसे महापुरुष (महात्मा गांधी) के बारे में कोई अभद्र टिप्पणी करें तो उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई होगी। छत्तीसगढ़ पुलिस ने यह कार्रवाई की है। उनके(कालीचरण महाराज) परिवारजनों और वकील को सूचित कर दिया है। 24 घंटे के अंदर उन्हें कोर्ट में प्रस्तुत करेंगे।”
नरोत्तम मिश्रा क्या बोले: मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, “कालीचरण महाराज की गिरफ्तारी छत्तीसगढ़ पुलिस ने जिस तरीके से की है वह संघीय मर्यादा के खिलाफ है। कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ सरकार को इंटरस्टेट प्रोटोकॉल का उल्लंघन नहीं करना चाहिए था। मध्य प्रदेश के डीजीपी को छत्तीसगढ़ DGP से बात कर गिरफ्तारी के तरीके पर विरोध जताकर स्पष्टीकरण लेने के निर्देश दिए है।”
वहीं भूपेश बघेल ने कहा, “नरोत्तम मिश्रा को बताना चाहिए कि वह महात्मा गांधी को अपमानित करने वाले की गिरफ्तारी से खुश हैं या दुखी? किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया गया है और छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा प्रक्रिया के अनुसार गिरफ्तारी की गई है।”
‘मुझे कोई अफसोस नहीं’: बता दें कि केस दर्ज होने के बाद कालीचरण महाराज ने कहा था कि उन्हें अपने बयान पर कोई अफसोस नहीं है। आठ मिनट का एक वीडियो जारी कर उन्होंने कहा था, “मुझे महात्मा गांधी को गाली देने पर कोई खेद नहीं है। अगर मुझे फांसी भी मिल जाए तो मैं भी मैं अपने सुर नहीं बदलूंगा। एफआईआर से मेरे ऊपर कोई असर नहीं पड़ने वाला। मैं गांधी विरोधी हूं और इसके लिए फांसी भी मिलेगी तब भी मुझे मंजूर है।”
अपने बयान में क्या कहा था: आरोप के मुताबिक धर्म संसद में कालीचरण महाराज ने कहा था, ‘इस्लाम का मकसद राजनीति के जरिए देश पर नियंत्रण करना है। उन्होंने 1947 में कब्जा कर लिया। उन्होंने (मुसलमानों ने ) पहले ईरान, इराक और अफगानिस्तान पर कब्जा किया और बाद में पाकिस्तान और बांग्लादेश पर। नाथूराम गोडसे को मैं सलाम करता हूं कि उन्होंने मोहनदास करमचंद गांधी की हत्या की।’
राष्ट्रपिता पर सवाल खड़े करते हुए कालीचरण महाराज ने कहा था कि अगर राष्ट्रपिता बनाना है तो राणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी और सरदार पटेल जैसे लोगों को बनाना चाहिए। जिन लोगों ने राष्ट्रकुल को मजबूत करने का काम किया। उन्होंने गांधी को देश का बंटवारा करने का जिम्मेदार बताते हुए कहा कि गांधी ने भगत सिंह, राजगुरु की फांसी रुकवाने के लिए कुछ नहीं किया।