कर्नाटक में पीएम नरेंद्र मोदी को भ्रष्टाचार पर आगाह करने के लिए खत लिखने वाले बीजेपी समर्थक ने खुदकुशी कर ली है। सिविल कॉन्ट्रैक्टर और भाजपा समर्थक ने उडुपी में आत्महत्या कर ली और सुसाइड नोट में राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री के.एस. ईश्वरप्पा को जिम्मेदार ठहराया है। आत्महत्या करने वाले बीजेपी समर्थक ने अपने दोस्तों को व्हाट्सएप पर सुसाइड नोट भी भेजा है। पूरी घटना पर कर्नाटक के कबीना मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने बयान दिया है कि अगर कांग्रेस उनका इस्तीफा मांग रही है, तो वह अपना इस्तीफा नहीं देंगे। मंत्री के इस्तीफे की अटकलें लगाई जा रही थी।
40 वर्षीय संतोष पाटिल ने आरोप लगाया कि कर्नाटक के ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री और भाजपा नेता के.एस. ईश्वरप्पा ने अपने गृह जिले बेलगाम के एक गाँव में 2021 में ठेकेदार द्वारा किए गए सड़क निर्माण के लिए 4 करोड़ रुपये के बिल को मंजूरी देने के लिए 40 प्रतिशत कमीशन की मांग की थी। पाटिल ने सोमवार को दो दोस्तों के साथ होटल में चेक इन किया था। जब पाटिल ने दोस्तों का जवाब नहीं दिया तो उसके दोस्तों ने (जो दूसरे कमरे में थे) होटल के कर्मचारियों को जानकारी दी। जब स्टाफ ने अतिरिक्त चाबी से कमरा खोला तो वह (संतोष पाटिल) मृत पाया गया।
विपक्ष के हंगामे के बाद कर्नाटक पुलिस ने मंत्री के खिलाफ खुदकुशी के लिए उकसाने के मामले में केस दर्ज कर लिया है। मंत्री पर एफआईआर ठेकेदार के भाई की ओर से दी गई तहरीर के आधार पर की गई है। वहीं आज ही कांग्रेस प्रतिनिधमंडल डीके शिवकुमार के नेतृत्व में राज्यपाल थावर चंद गहलोत से मिलने पहुंचा और मंत्री को बर्खास्त करने की मांग का ज्ञापन भी सौंपा। वहीं यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास के नेतृत्व में गृह मंत्री अमित शाह के घर के बाहर प्रदर्शन किया और उनसे कर्नाटक के मंत्री ईश्वरप्पा को हटाने की मांग की।
केएस ईश्वरप्पा जिन्होंने पिछले महीने पाटिल के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था, उनका कहना है कि वह निर्दोष हैं और आरोप निराधार हैं। ग्रामीण विकास मंत्री ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि, “मुझे मीडिया से पता चला कि उसने सुसाइड नोट में मेरा नाम लिया है। मैं और कुछ नहीं जानता। मैं यह भी नहीं जानता कि वह कौन है। मुझे नहीं पता कि उसने किस तरह का काम किया है।”
रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने बताया कि संतोष पाटिल मंगलवार को उडुपी शहर के एक होटल में मृत पाए गए थे। उनके द्वारा कुछ दोस्तों को व्हाट्सएप के माध्यम से एक कथित सुसाइड नोट भेजा गया था जिसमें उन्होंने मंत्री ईश्वरप्पा को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया था। पुलिस ने अस्वाभाविक मौत का मामला दर्ज किया है और संदेह जताया है कि उसने कुछ जहरीला पदार्थ खाया था। फोरेंसिक जांच की रिपोर्ट का इंतजार है।
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने घटना पर बात करते हुए संवाददाताओं से कहा कि, “पुलिस को पूरी तरह से निष्पक्ष जांच करने का निर्देश दिया गया है। हमारी तरफ से कोई हस्तक्षेप नहीं होगा और पुलिस को जांच में पूरी आजादी होगी। सच सामने आना चाहिए। नोट भी जांच के दायरे में आएगा और इसकी सत्यता की जांच की जाएगी।” वहीं कर्नाटक के कांग्रेस नेताओं ने राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री को गिरफ्तार करने की मांग की है।