उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को राम मंदिर के गर्भगृह की आधारशिला रखी और पूजन किया। मुख्यमंत्री ने इसमें पहला नक्काशीदार पत्थर रखा और समारोह में हिस्सा लिया। इस ऐतिहासिक मौके पर देश भर के साधु-संतों को आमंत्रित किया गया है। अयोध्या में तीन मंजिला भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य जारी है और ये अपने पूर्व निर्धारित समय पर पूरा होगा।
आज सीएम योगी आदित्यनाथ पहले हनुमानगढ़ी मंदिर में हनुमान जी का दर्शन-पूजन करने पहुंचे और उसके बाद भगवान राम की जन्मभूमि में शिलापट्ट रखा।” वहीं राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा के कार्यालय के बयान के अनुसार फरवरी 2022 में शुरू हुए ग्रेनाइट पत्थर से बने चबूतरे का निर्माण अगस्त 2022 तक पूरा करने की योजना है।
इस मौके पर सीएम योगी ने कहा, “श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण कार्य का शुभारंभ लगभग 2 वर्ष पहले प्रधानमंत्री मोदी के करकमलों से हुआ और सफलतापूर्वक ये निर्माण कार्य आगे बढ़ रहा है। अक्रांताओ ने भारत की आस्था पर प्रहार किया। मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का भव्य मंदिर अयोध्या धाम में बनकर देश और दुनिया के सभी सनातन हिन्दू धर्मावलंबियों की आस्था का प्रतीक तो बनेगा ही, श्री राम जन्मभूमि मंदिर भारत का राष्ट्र मंदिर होगा।”
वहीं अयोध्या राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “सुपर स्ट्रक्चर पर काम आज से शुरू हो रहा है। हमारे पास कार्यों को पूरा करने के लिए 3-चरण की समय सीमा है। 2023 तक गर्भगृह, 2024 तक मंदिर निर्माण और 2025 तक मंदिर परिसर में मुख्य निर्माण हो जाएगा।”
नृपेंद्र मिश्रा के कार्यालय के बयान में बताया गया, “ग्रेनाइट पत्थर कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से खरीदी जा रही है। रेल मंत्रालय के कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने ग्रेनाइट को अयोध्या तक तेजी से पहुंचाने में पूरा सहयोग दिया है। मंदिर के सुपर स्ट्रक्चर पर राजस्थान बंसी पहाड़पुर का पत्थर उकेरा जाएगा। नक्काशी का काम शुरू हो चुका है। अब तक लगभग 75,000 घन फीट पत्थर की नक्काशी पूरी हो चुकी है। मंदिर में अकेले सुपर स्ट्रक्चर के लिए कुल लगभग 4.45 लाख घन फीट पत्थर की आवश्यकता है।”