समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) की अस्थियां सोमवार (17 अक्टूबर, 2022) को गंगा में विसर्जित की गईं।
उनके बेटे और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सुबह यूपी में पैतृक आवास सैफई (Safai) से अस्थि कलश लेकर चार्टर्ड प्लेन से उत्तराखंड के हरिद्वार पहुंचे। वहां उन्होंने विधि-विधान से पत्नी डिंपल यादव (पूर्व सांसद), चाचा शिवपाल यादव व राम गोपाल यादव समेत अन्य घर वालों की मौजूदगी में पिता की अस्थियों से जुड़ा विसर्जन संस्कार किया।
इस बीच, पारिवार से जुड़े सूत्रों ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि अखिलेश के साथ पत्नी के अलावा उनके बेटा-बेटी, भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेत्री अपर्णा यादव (नेताजी की दूसरी पुत्रवधू), मुलायम के भाई अभय राम सिंह, पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव, पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव, आदित्य यादव समेत परिवार के लोगों का काफिला नेताजी के पैतृक आवास से कुल पुरोहित के साथ प्रातः 10 बजे कार से सैफई हवाई पट्टी के लिए रवाना हुआ था।
सैफई गांव से अस्थियां लेकर जाते समय वहां लोगों ने ‘अलविदा नेताजी’, ‘नेताजी अमर रहे’, ‘जब तक सूरज चांद रहेगा, नेताजी का नाम रहेगा’ के नारे लगाए और यादव, उनके परिवार के लोगों को हाथ हिलाकर विदा किया। यादव के परिवार का विमान सैफई हवाई पट्टी से देहरादून के जौलीग्रांट हवाई अड्डा के लिए रवाना हुआ। सपा के ट्वीट में शेयर किए गए एक वीडियो में अखिलेश से शिवपाल कुछ कहते दिखे।
गम के इस समय में अलग-अलग सियासी राह पर चलने वाले चाचा-भतीजा (शिवपाल सिंह यादव-अखिलेश यादव) एक दूसरे के साथ खड़े नजर आए। मुलायम के निधन के बाद अखिलेश यादव को शिवपाल ने संबल दिया था। दरअसल, मुलायम का 10 अक्टूबर को गुरुग्राम (हरियाणा) के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया था। वह 82 वर्ष के थे। उनकी अंत्येष्टि 11 अक्टूबर को इटावा जिले में उनके पैतृक गांव सैफई में की गई थी। बेटे ने उन्हें मुखाग्नि दी थी।
यादव की अंत्येष्टि के बाद मथुरा-वृंदावन से गरुड़ पाठ करने आए आचार्य राधा मोहन मिश्र ने शनिवार को बताया था, मुलायम के परिजन ने तय किया है कि उनका अस्थिकलश लेकर परिवार के लोग हरिद्वार जाएंगे। वैदिक रीति रिवाज के अनुरूप पवित्र गंगा में अस्थियां विसर्जित की जाएंगी। नेताजी की अंत्येष्टि के बाद गरुड़ कथा का पाठ हुआ। यह पाठ 21 अक्टूबर तक चलेगा और 21 अक्टूबर को शांति हवन यज्ञ, ब्राह्मण भोजन वैदिक रीति रिवाज के साथ पूरा होगा।