आज टाटा संस की कमान एक बार फिर एन चंद्रशेखरन को सौंप दी गई है। टाटा समूह की आज हुई बोर्ड बैठक में रतन टाटा ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा था। जिस पर बोर्ड के सभी सदस्यों ने एकमत सहमति जताई। जिसके बाद एन चंद्रशेखरन को एक बार फिर से 5 साल के लिए टाटा संस का एग्जीक्यूटिव चेयरमैन नियुक्त कर दिया गया है। एन चंद्रशेखरन का पहला कार्यकाल इसी महीने खत्म हो रहा है। उन्हें पहली बार 2017 में साइरस मिस्त्री को हटाकर टाटा संस का चेयरमैन बनाया गया था।
एन चंद्रशेखरन का पूरा नाम नटराजन चंद्रशेखरन है। उनका जन्म 1963 में तमिलनाडु के नामक्कल जिले के मोहापुर गांव में हुआ था। एन चंद्रशेखरन की शुरुआती शिक्षा तमिलनाडु के सरकारी स्कूल में तमिल माध्यम से हुई। जिसके बाद उन्होंने कोयंबटूर के इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से स्नातक और तमिलनाडु में रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज तिरुचिरापल्ली से कंप्यूटर एप्लीकेशन में मास्टर्स यानि एमसीए किया है। बात दें,कि उन्होंने आईएएम कोलकाता से एमबीए की डिग्री भी हासिल की है।
एन चंद्रशेखरन से कॉरपोरेट वर्ल्ड के शिखर तक पहुंचने का सफर
एन चंद्रशेखरन ने बतौर एक इंटर्न के तौर पर 1987 में टीसीएस के साथ अपने सफर की शुरुआत की थी। टाटा समूह की कंपनी टीसीएस के साथ एन चंद्रशेखरन ने 30 साल का लंबा सफर तय किया है। इन 30 वर्षों के दौरान वह कंपनी के एक साधारण कर्मचारी से पदोन्नत होते हुए 2009 में टीसीएस के सीईओ तक का सफर तय किया। एन चंद्रशेखरन के नेतृत्व में टीसीएस ने नई बुलंदियां छुई। इस इस दौरान टीसीएस का मुनाफा 30,000 करोड़ रुपए से बढ़कर 1,20,000 करोड़ रुपए तक पहुंच गया।
पद्म भूषण से सम्मानित
एन चंद्रशेखरन ने भारतीय कॉरपोरेट जगत में योगदान को देखते हुए सरकार ने इस साल उन्हें देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया है। आपको बता दें इसके अलावा उन्हें 2013, 14, 15 में लगातार इंडिया टुडे समूह की तरफ से बेस्ट सीईओ का भी खिताब मिल चुका है।
टाटा के ‘मैराथन मैन’
एन चंद्रशेखरन को ‘मैराथन मैन’ भी कहा जाता है। एन चंद्रशेखरन अब तक मुंबई, टोक्यो, न्यूयॉर्क, बर्लिन, शिकागो और बोस्टन समेत कई जगहों पर मैराथन में हिस्सा ले चुके है। इसके साथ ही वह एक अच्छे फोटोग्राफर भी है।