भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आज भारत की अगली पीढ़ी की नेविगेशन सैटेलाइट को लॉन्च कर दिया है। नेविगेशन सैटेलाइट NVS-01 को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से सुबह 10ः42 बजे लॉन्च किया गया। सैटेलाइट को GSLV-F12 रॉकेट के जरिए लॉन्च पैड-2 से छोड़ा गया।
अभी तक सिर्फ तीन सैटेलाइट ही काम कर रहे थे
इसरो ने बताया कि हमने 5 अगली पीढ़ी की नेविगेशन सैटेलाइट एनवीएस को लॉन्च करने की तैयारी की है। इसरो के प्रमुख डॉक्टर एस सोमनाथ (ISRO Chief S Somnath) ने बताया, “फिलहाल हम 7 पुराने नाविक सैटेलाइट के सहारे काम चला रहे थे और उनमें से तीन खराब हो चुके हैं। जबकि चार ही काम कर रहे थे। आने वाले समय में यह चार भी खराब हो सकते थे, इसलिए हमने अगली पीढ़ी की नाविक सैटेलाइट को लॉन्च करने की तैयारी शुरू कर दी है।”
NVS – 01 सैटेलाइट का वजन 2232 किलोग्राम
बता दें कि NVS – 01 सैटेलाइट का वजन 2232 किलोग्राम है और यह भारत और उसकी सीमाओं के चारों तरफ 1500 किलोमीटर के दायरे तक नेविगेशन सेवाएं देगा। यह सैटेलाइट किसी भी स्थान की सबसे सटीक रियल टाइम पोजिशनिंग बताएगा। यह सेटेलाइट मुख्य रूप से L 1 बैंड की सेवाएं देगा।
बता दें कि NVS-01 सैटेलाइट को धरती की जियोसिंक्रोनस ऑर्बिट में 36,568 किलोमीटर ऊपर तैनात किया जाएगा और ये सैटेलाइट धरती के चारों तरफ अंडाकार कक्षा में चक्कर लगाएगा। लॉन्च के करीब 18 मिनट बाद जीएसएलवी रॉकेट ने धरती से 251.52 किलोमीटर ऊपर जाकर सैटेलाइट को छोड़ दिया। इसके बाद वह खुद अपनी निर्धारित कक्षा में पहुंच जाएगा।
NavIC को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यूजर को 20 मीटर के दायरे में स्थिति और 50 नैनो सेकंड के अंतराल में समय की सटीक जानकारी मिल सकती है। NVS सैटेलाइट में रुबिडियम एटॉमिक घड़ी लगी है। यह एक महत्वपूर्ण तकनीक है जो कुछ ही देशों के पास है। Navic सीरीज के सैटेलाइट की उम्र भी ज्यादा होगी। अभी के सैटेलाइट 10 साल तक मिशन को अंजाम दे सकते है लेकिन Navic सैटेलाइट 12 साल तक सर्विस देंगे।