प्रधानमंत्री मोदी ने आज राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब दिया। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने कल यानि सोमवार को लोकसभा में जवाब दिया था और इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा था। साथ ही साथ अपनी सरकार की उपलब्धियों का भी बखान किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस कोरोना काल में 80 करोड़ से भी अधिक देशवासियों को मुफ्त राशन देकर हमने दुनिया के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। गरीबों को घर देने का काम हमारी सरकार कर रही है।
पीएम मोदी ने राज्यसभा में कहा कि, “दुनिया ने पिछले 100 सालों में कोरोना जैसी महामारी को नहीं देखा। यह महामारी अपने स्वरूप को बदलती है और लोगों के लिए मुसीबतें पैदा करती है। पूरा देश और पूरी दुनिया इस महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है।”
पीएम मोदी ने राज्यसभा में कहा कि, “जब कोरोना आया उस समय यह चर्चा चल रही थी कि भारत का क्या होगा? यह भी चर्चा चल रही थी कि दुनिया पर भारत के कारण क्या असर पड़ेगा? लेकिन 130 करोड़ देशवासियों की इच्छाशक्ति और अनुशासन की वजह से भारत के प्रयासों की सराहना पूरी दुनिया में की जा रही है।”
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शरद पवार की पीएम ने तारीफ की: पीएम ने कहा कि, “कुछ लोगों को आत्मनिरीक्षण की आवश्यकता होती है। जब कोरोना पर एक सर्वदलीय बैठक हुई और सरकार को विस्तृत प्रेजेंटेशन देना था, उस समय कुछ लोगों ने राजनीतिक दलों से बात करके उन्हें इसमें शामिल न होने के लिए मनाने का प्रयास किया गया। वे खुद नहीं आए और बैठक का बहिष्कार किया।”
पीएम मोदी ने शरद पवार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि, “मैं शरद राव (शरद पवार) का आभार व्यक्त करना चाहता हूं। उन्होंने बताया कि यह यूपीए का फैसला नहीं है और वह ज्यादा से ज्यादा लोगों से बात करेंगे। उन्होंने टीएमसी और अन्य पार्टियों के साथ बैठक में भाग लिया। संकट पूरी मानव जाति पर था फिर भी आपने बैठक का बहिष्कार किया।”
पीएम का कांग्रेस पर निशाना: पीएम मोदी ने राज्यसभा में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि, “सदन में कहा गया कि कांग्रेस ने भारत की नींव रखी और भाजपा ने सिर्फ झंडा फहराया। सदन में इसे मजाक की तरह नहीं कहा गया बल्कि यह गंभीर सोच का परिणाम है जो राष्ट्र के लिए खतरनाक है। कुछ लोगों का मानना है कि भारत का जन्म 1947 में हुआ था। इस सोच के कारण ही समस्याएँ उत्पन्न होती हैं।”
पीएम ने आगे कहा कि, “कांग्रेस के सामने मुश्किल यह है कि उन्होंने वंशवाद से पहले कभी और कुछ नहीं सोचा। हमें यह स्वीकार करना होगा कि भारत के लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा वंशवादी पार्टियां हैं। जब एक परिवार किसी भी पार्टी में सर्वोच्च होता है, तो सबसे पहला नुकसान प्रतिभा का होता है।”
पीएम मोदी ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि, “यहां कहा गया, ‘कांग्रेस न होती, तो क्या होता’। यह सोच का परिणाम है, ‘भारत इंदिरा है, इंदिरा भारत है।’ मुझे लगता है कि ‘कांग्रेस न होती, तो क्या होता’ क्योंकि महात्मा गांधी चाहते थे। उन्हें पता था कि अगर वे ऐसे ही रहे तो क्या होगा और वे उन्हें पहले ही खत्म करना चाहते थे। यदि महात्मा गांधी की इच्छा के अनुसार कांग्रेस नहीं रह जाती तो लोकतंत्र वंशवाद से मुक्त हो जाता। भारत विदेशी दृष्टिकोण अपनाने के बजाय राष्ट्रीय प्रस्तावों के रास्ते पर चलता। कांग्रेस न होती तो आपातकाल का धब्बा नहीं होता।”
पीएम मोदी ने आगे कहा कि, “अगर कांग्रेस न होती तो सिखों का नरसंहार नहीं होता। पंजाब सालों तक आतंकवाद की आग में नहीं जलता, कश्मीरी पंडितों को कश्मीर नहीं छोड़ना पड़ता। कांग्रेस न होती तो बेटियों को तंदूर में फेंकने की घटना नहीं होती।”
कांग्रेस सांसदों ने किया वॉकआउट: प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान कांग्रेस सांसदों ने राज्यसभा से वॉक-आउट कर दिया। कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि, “हमने प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान वॉक-आउट इसलिए किया क्योंकि राष्ट्रपति वो अभिभाषण पर न बोलकर कांग्रेस पर आरोप लगा रहे थे। प्रधानमंत्री मोदी का बांटो और राज करो वाला बयान उन पर ही लागू होता है।”