नई दिल्ली। श्रील भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद जी की 125 वीं जयंती (swami prabhupada125th birth anniversary) पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) आज 125 रुपए का एक विशेष स्मारक सिक्का जारी करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से मिली जानकारी के अनुसार पीएम वीडो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शाम इस कार्यक्रम से जुड़ेंगे। इस दौरान पीएम मोदी (pm modi) लोगों को संबोधित भी करेंगे। बता दें कि कार्यक्रम शाम 4:30 बजे से शुरू होगा।
कौन हैं स्वामी प्रभुपाद जी
1 सितंबर 1896 में कोलकाता में जन्मे स्वामी प्रभुपाद ने भगवान कृष्ण के संदेश को पूरे विश्व में पहुंचाने के लिए इस्कॉन की स्थापना की थी। इस्कॉन (ISKCON) का पूरा नाम International Society for Krishna Consciousness है, जिसे हिंदी में अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ या इस्कॉन कहा जाता है। आमतौर पर इसे ‘हरे कृष्ण आंदोलन’ कहा जाता है। इस मंदिर का पावन भजन ‘हरे रामा हरे रामा कृष्णा’ है, जिसे विदेशी भी गुनगुनाते हैं।
दुनियाभर में 400 से भी ज्यादा इस्कॉन मंदिर
गौरतलब है कि पहला इस्कॉन मंदिर (ISKCON Temple) भारत में नहीं बल्कि विदेश में बनाया गया था। ये मंदिर अंग्रेजों ने बनवाया था। दुनिया के पहले इस्कॉन मंदिर का निर्माण न्यूयॉर्क में 1966 में हुआ था। इस मंदिर की स्थापना श्रीकृष्णकृपा श्रीमूर्ति श्री अभय चरणारविन्द भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद ने की ही थी। अगर वर्तमान में इस्कॉन मंदिरों की बात करें तो विश्वभर में 400 से अधिक मंदिरों का निर्माण हो चुका है। वहीं बैंगलोर में बना हुआ इस्कॉन मंदिर सबसे बड़ा मंदिर माना जाता है। साल 1968 में प्रयोग के तौर पर वर्जीनिया, अमेरिका की पहाड़ियों में नव-वृन्दावन की स्थापना की गई थी। 14 नवंबर 1977 को प्रसिद्ध धार्मिक नगरी मथुरा के वृन्दावन धाम में उनका निधन हो गया।
इस्कॉन ने श्रीमदभागगवद् गीता और अन्य वैदिक साहित्य का 89 भाषाओं में अनुवाद किया जो दुनिया भर में वैदिक साहित्य के प्रसार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। स्वामीजी ने 100 से अधिक मंदिरों की भी स्थापना की और दुनिया को भक्ति योग का मार्ग दिखाने वाली कई किताबें लिखीं।
केंद्रीय संस्कृति मंत्री भी रहेंगे मौजूद
भगवान श्री कृष्ण के संदेश और भारत की संस्कृति को दुनियाभर में पहुंचाने में उनके योगदान को याद करते हुए पीएम मोदी आज एक विशेष स्मारक सिक्का जारी करेंगे। जानकारी के मुताबिक इस दौरान केंद्रीय संस्कृति मंत्री किशन रेड्डी भी उपस्थित रहेंगे। सरकार के कोविड प्रोटोकॉल के अनुरूप इस ऐतिहासिक आयोजन का वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सीधा प्रसारण किया जाएगा।