संसद भवन में असंसदीय शब्दों को लेकर पिछले दो दिनों से जारी घमासान अभी थमा भी नहीं है कि पार्लियामेंट्री सिक्योरिटी ऑफिस के जारी किए गए लेटर जिसमें ये कहा गया है कि ‘अब संसद भवन परिसर में कोई भी सदस्य धरना, हड़ताल, भूख हड़ताल नहीं कर सकेगा। इसके अलावा संसद भवन में किसी भी धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाएगा।’ को लेकर फिर से मामला गरम हो गया। कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए उस आदेश की कॉपी को ट्वीट किया है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने केंद्र सरकार के इस आदेश को ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा, ‘मॉनसून सत्र में संसद परिसर में धरना मना है उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, Vishguru’s latest salvo — D(h)arna Mana Hai!’ संसद भवन परिसर में अब धरना प्रदर्शन पर भी रोक रहेगी। इस बारे में आदेश को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए कांग्रेस ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को घेरा है। शेयर किए गए केंद्र सरकार के इस आदेश को लेकर विपक्ष नाराज है।
किसी भी शब्द पर प्रतिबंध नहीं लगाः ओम बिड़ला
इसके पहले लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला ने गुरुवार को बताया कि किसी भी शब्द पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। उन्होंने कहा इस मामले में विपक्ष को गलफहमी में नहीं रहना चाहिए और न ही ऐसी गलतफहमियां फैलानी चाहिए। उन्होंने कहा हमने किसी भी शब्द पर बैन नहीं लगाया है लेकिन उन शब्दों को हटा दिया है जिसको लेकर आपत्तियां थीं।
असंसदीय सूची में आए नए शब्द
‘जुमलाजीवी’, ‘बाल बुद्धि’, ‘कोविड स्प्रेडर’ और ‘स्नूपगेट’ ‘शर्मिंदा’, ‘दुर्व्यवहार’, ‘विश्वासघात’, ‘ड्रामा’, ‘पाखंड’और ‘अक्षम’ जैसे रोजमर्रा के उपयोग होने वाले शब्दों को लोकसभा सचिवालय ने बुधवार को असंसदीय सूची में डाल दिया। विपक्ष ने इस कदम का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि इससे सरकार की आलोचना करने की उनकी क्षमता बाधित होगी।