यूक्रेन के खिलाफ रूस के मिलिट्री ऑपरेशन का आज (25 फरवरी, 2022) दूसरा दिन है। जहां राष्ट्रपति पुतिन की अगुवाई वाला देश अपने हवाई हमले जारी रखने के साथ यूक्रेन की ओर से तेजी से बढ़ रहा है। वहीं, संकटग्रस्त यूक्रेन किसी भी हालत में फिलहाल झुकने को राजी नहीं है। यूक्रेनी नेता से लेकर कमांडर तक साफ कर चुके हैं कि वे झुकेंगे नहीं। वे लड़ेंगे। हालांकि, यूक्रेन ने इस संकट की घड़ी में नाटो, अमेरिका और दुनिया के अन्य देशों की ओर से अपनाए जा रहे शांत रुख को लेकर खुद को अकेला भी बताया है।
इस बीच, खबर है कि यूक्रेन के खेरसॉन में रूस द्वारा कब्जा किए जाने की खबर है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जवानों ने वहां पर अपने देश का झंडा भी फहरा दिया है। इससे पहले, बताया गया कि वहां की राजधानी कीव में 40 मिनट के भीतर 35 से अधिक मिसाइल अटैक हुए। इससे लोगों के बीच दहशत का माहौल पनप गया है। साथ ही पश्चिमी यूक्रेन के शहर लीव के मेयर ने अपील की है कि लोग बाहर न निकले। वे अपने घरों में ही रहें।
वहीं, सुबह साढ़े चार बजे (यूक्रेनियन समय के मुताबिक) राजधानी कीव में एक रिहायशी इमारत पर हवाई अटैक कर दिया गया। इस बीच, समाचार चैनल एबीपी न्यूज ने कीव में मेयर के हवाले से बताया कि कीव में दो इमारतों में आग लगी है, जबकि तीन लोग घायल हो गए हैं। इससे पहले, रात भर वहां धमाकों की आवाज आती रही। यूक्रेन में मार्शल लॉ लगाया गया है, जिसके तहत कुछ निर्धारित समय में ही लोग बाहर निकल सकते हैं।
इस बीच खबर है कि वहां का कोनोटॉप शहर घेर लिया गया है।संकटग्रस्त यूक्रेन में रूस के चलाए गए मिलिट्री ऑपरेशन के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति का बड़ा बयान आया है। जो बाइडेन ने कहा है कि यूक्रेन में ‘पुतिन ने इस युद्ध’ का विकल्प चुना और अब वह और रूस नए प्रतिबंधों का ‘परिणाम भुगतेंगे’।
वहीं, भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने बृहस्पतिवार को कहा कि रूस को यूक्रेन में अपने ”अनावश्यक युद्ध” से कोई सुरक्षा हासिल नहीं होगी क्योंकि दुनिया भर के लोकतंत्रिक देश निरंकुश सैन्य कार्रवाई का सामना करने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।
उन्होंने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ”अनुचित, बिना उकसावे वाला और पूर्व नियोजित आक्रमण” शुरू करने का रास्ता चुना है। कृष्णमूर्ति ने कहा कि रूस के इस ”मूर्खतापूर्ण” युद्ध के दौरान अमेरिका को यूक्रेन के लोगों के साथ खड़ा होना चाहिए जोकि रूस से अपनी मातृभूमि, स्वतंत्रता और स्वशासन के अपने अधिकार की रक्षा कर रहे हैं।