कर्नाटक से शुरू हुआ हिजाब विवाद पूरे देश में फैला और चर्चा का एक मुद्दा बना। हालांकि हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला आये 3 महीने से भी अधिक समय बीत चुका है लेकिन विवाद अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है। राजस्थान के जयपुर में मौलाना सज्जाद नोमानी ने एक बार फिर हिजाब के नाम पर भड़काने की कोशिश की।
मौलाना सज्जाद नोमानी ने एक कार्यक्रम में कहा, “ये हिजाब और पर्दा भारतीय संस्कृति का अटूट हिस्सा है और ये भारतीय संस्कृति देश ने छोड़ दी और पश्चिमी संस्कृति को अपना लिया सिवाय राजस्थान के। यहां बहुत से समाज की औरतों ने आज भी अपना घूंघट नहीं छोड़ा। मैं पूछना चाहता हूं कि जो उडुपी, मैसूर, बेंगलुरु में लड़कियों के हिजाब खींचे रहे हैं, वो आएं और राजस्थान की महिलाओं का घूंघट उतार कर देखें।”
मौलाना सज्जाद नोमानी ने आगे कहा, “राजस्थान की महिलाओं काश तुम मेरा ये पैगाम उन महिलाओं तक पहुंचाओं, जिन्होंने आजतक घूंघट नहीं छोड़ा। तुम घूंघट मत छोड़ना क्योंकि ये भारतीय संस्कृति का अटूट हिस्सा है।” सज्जाद नोमानी ने ज्ञानवापी मुद्दे पर भी बयान दिया और कहा कि राजा खामोश है क्योंकि वो सारी साजिशों को पर्दे के पीछे से अंजाम दे रहा है।
ज्ञानवापी मुद्दे पर बोलते हुए मौलाना सज्जाद नोमानी ने कहा, “आज मसला क्या है, मसला ये है कि हर मस्जिद को खोदो और उसके अन्दर से शिवलिंग निकलेगा। शर्म आती है ये कौन सी सतह है जिसपर लोग गिर गए और ये मानसिक दिवालियापन है। किसी ने कहा कि राजा खामोश है। राजा टीम का प्लेयर नहीं बल्कि राजा कोच है और कोच गोल नहीं मारता, बल्कि कोच गोल मारने वालों को गोल मारने का तरीका सिखाता है। कोच बहुत समझदार है और वो पर्दे के पीछे से कठपुतलियों को नाच नचा रहा है।”
कार्यक्रम में मौलाना तौकीर रजा भी मौजूद थे और उन्होंने कहा, “किसी ने जुर्म किया और उसको जुर्म मान लिया गया और पार्टी से निकाल दिया गया। जब जुर्म मान लिया गया तो उसे गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? जब तक गिरफ्तार नहीं करोगे ये कौम मानने वाली नहीं है।”